अफगानिस्तान कई सालों से आतंकवाद से जूझ रहा है। इस साल की शुरूआत से ही काबुल में लगातार कई बड़े आतंकी हमले हो चुके है जिसमें सैकडों निर्दोष लोगों की मौत हो गई है। अफगानिस्तान में तालिबान व हक्कानी नेटवर्क के साथ ही कई आतंकी संगठनों की जड़े काफी मजबूत है।
अमेरिकी सेना भी अफगान का लगातार साथ दे रही है। हाल ही में राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अफगानिस्तान में आतंकवादी हमलों के लिए पड़ोसी देश पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है।
शुक्रवार को राष्ट्र को दिए संबोधन में अशरफ गनी ने पाकिस्तान की निंदा करते हुए कहा कि तालिबान को सुरक्षित आश्रय पाकिस्तान की धरती से मिल रहा है। साथ ही अफगान में बड़े पैमाने पर घातक हमलों के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया है। अपने भाषण में अशरफ गनी ने कहा कि तालिबान का केंद्र पाकिस्तान में है। साथ ही पाकिस्तानी सरकार से मांग करे कि वो आतंकियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करे।
अशरफ गनी से पहले अमेरिका भी कई बार पाकिस्तान के ऊपर ऐसे ही आरोप लगा चुका है। अमेरिका बार-बार पाकिस्तान के ऊपर आतंकियों को सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराने का दोष लगा चुका है।
अफगान ने पाक को सौंपे आतंकी हमलों के सबूत
अशरफ गनी ने तालिबान के शीर्ष नेताओं से शांति वार्ता करने का भी आग्रह किया है। बुधवार को अफगान अधिकारियो ने पाकिस्तान को आतंकी हमलों के सबूत सौंपे है। अफगानिस्तान ने काबुल में आतंकी हमलों के लिए पाकिस्तान की आईएसआई एजेंसी के खिलाफ सबूत दिए है। पाकिस्तान को सबूत सौंपने के बाद अशरफ गनी ने कहा कि अफगानिस्तान स्पष्ट कार्रवाई की प्रतीक्षा कर रहा है।
अफगान से प्राप्त दस्तावेजों की समीक्षा के बाद पाकिस्तानी विदेश सचिव तेहमिना जंजुआ, वरिष्ठ सैन्य और सुरक्षा अधिकारियों के साथ शनिवार को काबुल जाएंगे। यहां पर आतंकी हमलों के लिए पाकिस्तान की तरफ से इन आरोपों पर प्रतिक्रिया दी जाएगी। पाक विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह आतंकी हमलों के खिलाफ अफगानिस्तान के साथ खड़ा है।