Wed. Dec 25th, 2024
    भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल

    अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हम्दुल्लाह मोहिब ने शुक्रवार को जंग से जूझ रहे देश के दोबारा निर्माण में भारत की भूमिका की सराहना की थी। इया दौरान अफगानी सुरक्षा सलाहकार ने भारतीय समकक्ष अजित डोभाल से मुलाकात की थी।

    अफगानी सुरक्षा सलाहकार की सराहना

    हम्दुल्लाह मोहिब ने अफगानिस्तान के विकास कार्यक्रमों में भारत के सहयोग की सराहना की, हाल में अमेरिकी राष्ट्रपति ने अफगानिस्तान की सुरक्षा में भारत की भूमिका पर सवाल खड़े किये थे।

    विदेश मंत्रालय ने कहा कि अफगानी सलाहकार ने भारतीय प्रतिनिधियों को सुरक्षा हालातों से अवगत कराया, साथ ही अफगानिस्तान की सुलह प्रक्रिया के बाबत भी बताया था। हालांकि आगामी राष्ट्रपति चुनावों की तैयारियों के बाबत अबभी कोई जानकारी नहीं दी गयी है।

    अफगानिस्तान के सुरक्षा सलाहकार गुरूवार को तीन दिवसीय भारत यात्रा पर आये थे। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि अफगानी समकक्षी ने आर्थिक विकास और देश के दोबारा निर्माण में सहायता की तारीफ़ की, साथ ही मानव संसाधन विकास में भारत की भूमिका को भी सराहा था। अफगानिस्तान की राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा बलों का भारत में प्रशिक्षण भी उन्हें काफी रास आया है।

    भारत ने किया समर्थन का वादा

    उन्होंने कहा कि अजित डोभाल ने अफगानिस्तान की जनता और सरकार के प्रयासों का समर्थन जारी रखने का वादा किया है और अफगानिस्तान में शांति,समृद्धि और सुरक्षा में भी भारत सहयोग करता रहेगा। साथ ही भारत अफगानिस्तान में शांति और सुलह के प्रयासों में भी अपना समर्थन देगा।

    उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की जनता के समक्ष समय हैं कि वह लोकतान्त्रिक प्रणाली में विश्वास करें और आगामी राष्ट्रपति चुनावों में अफगानिस्तान में लोकतंत्र की जड़े अत्यधिक मज़बूत हो जाएगी। अफगानी समकक्षी ने अजित डोभाल को अफगानिस्तान की यात्रा का निमंत्रण दिया और उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है।

    भारत की मदद का वादा और डोनाल्ड ट्रम्प का मजाक

    भारत ने अफगानिस्तान को 3 अरब डॉलर की सहायता राशि मुहैया करने का वादा किया था। भारत ने यह निर्णय 11 सितम्बर, 2001 के हमले के बाद अमेरिकी सेना अफगानिस्तान में दाखिल हुई थी, तब लिया था।

    डोनाल्ड ट्रम्प ने अफगानिस्तान में भारतीय मदद का मुद्दा कैबिनेट की मीटिंग के दौरान उठाया और कहा कि वह नरेन्द्र मोदी के साथ थे, “भारतीय प्रधानमन्त्री ने निरंतर अफगानिस्तान में एक लाइब्रेरी के निर्माण की बात मुझसे कही थी। हमने पांच घंटे इस पर चर्चा करने में व्यतीत किये थे और मुझे लाइब्रेरी के लिए धन्यवाद कहना पड़ा था। मुझे नहीं पता अफगानिस्तान ने इस लाइब्रेरी का इस्तेमाल कौन करेगा।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *