तालिबान के प्रतिनिधियों का एक समूह ने रविवार को बीजिंग में अफगानिस्तान के चीनी विशेष राजदूत से मुलाकात की थी और अमेरिका के साथ अफगानिस्तान शान्ति प्रक्रिया पर चर्चा की थी। यह जानकारी तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने दी थी।
ट्वीट में शाहीन ने लिखा कि “अमेरिका के नौ सदस्य राजनीतिक दफ्तर ने चीन की यात्रा की थी, उप राष्ट्रपति मुल्ला बरादर अखुन्द्सिएब का नेतृत्व में चीनी विशेष राजदूत ईडन शिजू से मुलाकात की थी। हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका-तालिबान शान्ति वार्ता को इस महीने की शुरुआत में रद्द कर दिया था क्योंकि तालिबान ने कबूल किया था कि काबुल में हमले के पीछे तालिबान का हाथ है।
7 सितम्बर को ट्रम्प ने सिलसिलेवार ट्वीट किये थे और स्पष्ट किया कि समूह एक साथ गोपनीय वार्ता को रद्द कर दिया गया है और अफगानी राष्ट्रपति अशरफ गनी के सतह डेविड कैंप की मुलाकात को खत्म कर दिया गया है। काबुल में हुए हेल में एक अमेरिकी नागरिक सहित 12 लोगो की मौत हो गयी थी।
शाहीन ने लिखा कि “चीनी विशेष प्रतिनिधि ने कहा कि अमेरिका-तलिबान समझौता अफगान मसले के लिए एक शांतिपूर्ण समजौता था और वह इसका समर्थन करते है।” तालिबानी प्रतिनिधि समूह के प्रमुख मुल्ला बरादर ने कहा कि “उन्होंने चीनी टीम के साथ वार्ता की थी और एक व्यापक समझौते पर भी पंहुचे थे।”
शाहीन ने कहा कि “मुल्ला साहिब भाई ने कहा कि हमें अफगानिस्तानी मामले को हल करने के लिए वार्ता करनी होगी और एक समझौते पर पंहुचना होगा। अब अमेरिकी राष्ट्रपति यदि उनके वादों को सुनने से इनकार कर देता है तो वह अफगानिस्तान में रक्तपात के लिए वह जिम्मेदार होंगे।”
उन्होंने कहा कि “अब अगर अमेरिकी राष्ट्रपति अपने शब्दों पर कायम नहीं रह सकते हैं और अपने वादों को तोड़ते हैं तब अफगानिस्तान में किसी भी तरीके के रक्तपात और व्याकुलता के लिए जिम्मेदार होंगे।”
बयान के मुताबिक, 8 सितम्बर को तालिबान ने कहा कि ट्रम्प का यह कदम अमेरिका की समाप्ति और जिंदगियो के लिए नुकसानदायक होगा। वार्ता को रद्द करने के लिए अमेरिका सस्बे अधिक जूझेगा।” मौजूदा शान्ति वार्ता को रद्द करने के अमेरिकी राष्ट्रपति के ऐलान की भी तालिबान ने निंदा की है।