अफगानिस्तान में सैन्य बल और चरमपंथी तालिबान के मध्य जंग जारी है। सोमवार को मध्य अफगानिस्तान में अफगानी सैनिकों पर तालिबान ने हमला किया था। अधिकारी के मुताबिक मृतकों की संख्या 100 के पार हो सकती है। इस माह के सबसे खतरनाक हमले पर अभी सरकार ने चुप्पी साध रखी है।
क्षेत्र के जन स्वास्थ्य केंद्र के प्रमुख ने बताया कि इस हमले में मृतक सभी लोग सैन्यकर्मी थे। उन्होंने कहा कि कुछ जख्मी लोगों को इलाज के लिए प्रान्त के अस्पताल में भर्ती किया गया है लेकिन जो गंभीर रूप से घायल है, उन्हें राजधानी काबुल के अस्पताल में ले जाया गया है। गृह मंत्रालय के उप प्रवक्ता नसरत रहीमी ने कहा कि हमलावरों ने पहले कार बम के जरिये सैन्य बेस को अपना निशाना बनाया औए बाद में अफगानी सैनिकों पर गोलीबारी की थी।
उन्होंने कहा कि अफगानी सैनिकों ने भी आतंकवादी हमलावरों को मार गिराया है। तालिबान ने मीडिया में बायां जारी कर इस भयानक हमले की जिमेमदारी ली है।अफगानिस्तान के सैनिकों और तालिबान के चरमपंथियों के मध्य संघर्ष से लगभग 50 स्थानीय लोगो की मृत्यु हो गयी है।
रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सैन्य प्रशिक्षण केंद्र के भीतर बम विस्फोट से 126 लोगो की मृत्यु की सूचना मिली है और साथ आठ विशेष कमांडो भी मारे गए हैं। खबरों के अनुसार प्रान्त के परिषद डिप्टी शाह महमूद नईमी ने बताया कि आतंकियों ने पश्चिमी इलाके में फराह प्रान्त की राजधानी फराह शहर में स्थित सैन्य बेस को अपना निशाना बनाया था, जिसमे पांच सुरक्षा कर्मियों की मृत्यु हो गयी थुआ उर के सैनिक घायल हुए थे। इसके अलावा रविवार को चरमपंथियों ने पूर्वी लोगर प्रान्त के गवर्नर की रैली को एक आत्मघाती बम विस्फोट से निशाना बनाया, जिसमे आठ लोग मारे गए और 10 से अधिक लोग घायल हो गए। हालांकि इस हमले में गवर्नर सुरक्षित बच गए, लेकिन उनके सुरक्षा कर्मी मारे गए थे।
अफगानी सैन्य बलों ने पिछले 24 घंटे में 20 आतंकियों को मार गिराया था। हाल ही में तालिबान ने अफगानिस्तान में सुलह में लिए अमेरिकी विशेष दूत जलमय ख़लीलज़ाद से मुलाकात की थी। हालांकि जन भयानक हमलों से शांति वार्ता की बात बिगड़ सकती है।
राष्ट्रपति अशरफ गनी के कार्यालय से कहा गया कि देश के दुश्मनों ने हमला किया और मुल्क के ईमानदार व प्यारे बेटों को जख्मी और शहादत दे दी।