ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने बुधवार को चेतावनी दी कि खाड़ी क्षेत्र ध्वस्त होने की कगार पर है, एक भी बड़ी गलती तबाही की तरफ धकेल सकती है। उन्होंने कहा कि “संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए वह आगामी क्षेत्रीय शान्ति प्रक्रिया का खुलासा करेंगे।”
मध्य पूर्व से बाहर निकले विदेशी
रूहानी ने कहा कि “मध्य पूर्व जंग की लपटों, खून खराबे, आक्रमकता, अतिक्रमण और चरमपंथ की आग में जल रहा है।” उन्होंने विदेशी मुल्को को सुरक्षा गठबन्ध “हॉप” में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप से खाड़ी क्षेत्र में शान्ति नामुमकिन है।”
रूहानी ने कहा कि “हमारे क्षेत्र की सुरक्षा तभी कायम रहेंगी जब अमेरिकी सैनिको को बाहर कर दिया जायेगा सुरक्षा को अमेरिकी हथियारों और दखलंदाज़ी से नहीं संभाला जा सकता है।” इस क्षेत्र के विभिन्न इलाको में अमेरिकी सैनिक मौजूद है ताकि शान्ति और स्थिरता को बरक़रार रखा जा सके।
रूहानी ने कहा कि “सऊदी अरब की सुरक्षा को सुनिश्चित यमन में आक्रमकता को खत्म करने के साथ ही गारंटी मिल सकती है, विदेशियों को आमंत्रित कर कुछ हासिल नहीं किया जा सकता है।”
हाल ही में डोनाल्ड ट्रम्प ने पेंटागन को मध्य पूर्व में अतिरिक्त सैनिको की तैनाती करने के सन्देश दिए थे ताकि सल्तनत के के करीब सुरक्षा और रक्षा को मज़बूत किया जा सके। अमेरिका के सैनिक अफगानिस्तान में मौकूद है और वहां आतंकी हमले किये जाते हैं।
रूहानी ने कहा कि “ऐसी सरकार आज के अधिक जटिल मसलो को हल करने में असक्षम है। हमारा क्षेत्र ध्वस्त होने की कगार पर है और एक भी गलती इसे बर्बाद कर सकती है।” उन्होंने अमेरिकी सैनिको की मध्य पूर्व से वापसी और यमन में जंग रोकने की मांग की है।
सऊदी अरब की तेल कम्पनी अरामको की दो तेल कंपनियों पर हमले के आरोप अमेरिका ने ईरान पर लगाये थे। इस बाबत रूहानी ने कहा कि “हम विदेशियों की भड़काऊ दखलंदाज़ी को बर्दाश्त नहीं करेगे। किसी आक्रमकता और सुरक्षा व क्षेत्रीय अखंडता के उल्लंघन पर हम निर्णायक और कड़ी प्रतिक्रिया देंगे।”
रूहानी एन कहा कि “अफगानिस्तान, इराक और सीरिया के मसलो को सुलझाने में अमेरिका नाकाम रहा है। वांशिगटन पर चरमपंथियों का समर्थन करने का आरोप लगाया और कहा कि वह आज के अत्यधिक जटिल मामलो को सुलझाने में असक्षम है।”