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    अफगानी अधिकारी अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह

    अफगानिस्तान की सरकार ने सोमवार को निरन्तरा आग्रह के बावजूद तालिबान द्वारा रमजान के पाक महीने में संघर्षविराम के प्रस्ताव को खारिज करने पर हताशा जाहिर की है। अफगानिस्तानी सरकार के प्रमुख अधिकारी अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह ने टोलो न्यूज़ से कहा कि “अफसोसजनक, रमजान के पाक महीने में भी संघर्ष जारी है। हम इस माह में संघर्षविराम चाहते थे लेकिन वह इसके लिए रज़ामंद नहीं हुए थे।”

    संघर्षविराम समझौता

    उन्होंने कहा कि “काफी लम्बे अरसे से शान्ति प्रक्रिया की तरफ कोई महत्वपूर्ण कदम नहीं उठाया गया है।” हाल ही में तालिबान ने जिरगा ग्रैंड कॉउन्सिल के संघर्षविराम समझौते को खारिज कर दिया था। बीते माह तालिबान ने देश के कई क्षेत्रों पर हमला किया था। उनका निशाने पर अधिकतर सरकार और सैन्य बल थे।

    वार्षिक आक्रमण के ऐलान के कुछ घंटो के बाद तालिबान ने जिला के गवर्नर दफ्तर के करीब हमले की कोशिश की थी लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें खदेड़ दिया और परास्त कर दिया था। इस संघर्ष में 27 तालिबानी हमलावरों के साथ ही दो अफगान सैनिको की मौत हो गयी थी।

    हमले के लिए आईईडी का इस्तेमाल

    सुरक्षा बलों पर हमले के लिए तालिबानी चरमपंथी आईईडी का इस्तेमाल करते हैं। यूएन के आधिकारिक आंकड़ों के मुतबिक अफगानिस्तान में इस वर्ष के पहले छह महीनो में 1690 से अधिक लोग मारे गए है और 3430 लोग बुरी तरह जख्मी हुए थे।

    अमेरिका के दक्षिण और मध्य एशिया के उप राज्य सचिव ऐलिस वेल्स और राष्ट्रपति अशरफ गनी शान्ति प्रक्रिया पर चर्चा कर रहे हैं। अफगानी राष्ट्रपति ने लोया जिरगा का का भव्य आयोजन किया था जिसमे 3200 प्रतिनिधियों ने शिरकत की थी। रमजान का पाक माह शान्ति और सुलह का महीना है।

    संघर्षविराम प्रस्ताव को तालिबान द्वारा खारिज करने पर अफगानिस्तान में अमेरिका के विशेष राजदूत जलमय खलिलजाद ने अफ़सोस व्यक्त किया था। बीते वर्ष तालिबान ने ईद उल फ़ित्र के मौके पर अफगान सरकार के साथ तीन दिन के संघर्षविराम का हैरतअंगेज़ ऐलान किया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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