पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान ने अफगानिस्तान शांति समझौते को खत्म करने का आरोप अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर लगाया था। अफगानी जंग अमेरिका के इतिहास का सबसे लम्बे अरसे से जारी जंग है। न्यूयोर्क में विदेशी संबंधो के परिषद् में बोलते हुए खान ने कहा कि “वह डोनाल्ड ट्रम्प से तालिबान के साथ वार्ता को दोबारा शुरू करने और अमेरिकी सैनिको की अफगानी सरजमीं से वापसी करने का आग्रह करेंगे।”
शान्ति समझौते को तोड़ने के पीछे डोनाल्ड ट्रम्प
खान ने कहा कि “शान्ति समझौते पर दस्तखत करने के दोनों पक्ष काफी करीब थे, यह हमारे लिए काफी दर्दनाक था। शान्ति समझौते पर दस्तखत होने वाले थे लेकिन आप राष्ट्रपति ट्रम्प को जानते ही है। उन्हें इसके बारे में हमसे चर्चा करनी चाहिए थी।”
इस महीने की शुरुआत में अमेरिका और तालिबान के बीच वार्ता खत्म हो गयी थी। डोनाल्ड ट्रम्प ने कैंप डेविड की गोपनीय मुलाकात को रद्द कर दिया था। व्हाइट हाउस ने कहा कि वह बुरे बर्ताव के लिए तालिबान को इनाम देना नहीं चाहते हैं।
काबुल में हुए विस्फोट में एक अमेरिकी सैनिक सहित 12 लोगो की मौत हो गयी थी। इमरान खान ने कहा कि “ट्रम्प ने अपने अभियान में अमेरिका की लम्बी जंग को खत्म करने का वादा किया था क्योंकि शान्ति समझौता ही आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका है।”
ट्रम्प ने कहा कि “पाकिस्तान के साथ अमेरिका व्यापार में वृद्धि करेगा। साथ ही कश्मीर के विवाद को हल करने में मदद के प्रस्ताव को दोहराया है।” ट्रम्प के साथ मुलाकात से पूर्व पाकिस्तानी नेता ने कहा कि “राष्ट्र के अन्य पड़ोसियों के साथ संबंधो को चुनौतीपूर्ण साबित किया है। वह अपने देश के मुकाबले भारत को लेकर अधिक चिंतित है। हिन्दू राष्ट्रवाद में वृद्धि के बाबत चेतावनी दी है।”
सऊदी अरब की तेल कंपनियों में हमले के बाद तेल की कीमते आसमान छू रही है और ट्रम्प प्रशासन ने इसका आरोप ईरान पर लगाया था। पाकिस्तान के बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में काफी वृद्धि हुई है। बीते 12 महीनो में स्थानीय मुद्रा में 23 फीसदी इजाफा हुआ है।
प्रधानमन्त्री ने पाकिस्तान की चीन के साथ विशेष सम्बन्ध को भी बताया है जबकि बीजिंग में मुस्लिम अल्पसंख्यको पर कार्रवाई की आलोचना को नजरंदाज़ किया है और अरबो डॉलर के चीनी कर्ज ने पाकिस्तान को कर्ज जाल में फंसा दिया है।
खान ने कहा कि “चीन ने हमारी मदद मुश्किल के वक्त में की थी। चीन एक ऐसा देश अहि जिससे हम सब कुछ सीख सकते हैं।”