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    मध्य एशियाई देशों की बैठक को संबोधित करते हुए भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत अफगानी जनता और सरकार के देश को एक समावेशी राष्ट्र बनाने के प्रयासों का समर्थन करती है।

    उन्होंने कहा कि भारत अफगानिस्तान की जनता और उनकी सरकार के देश को एकजुट, संप्रभु, लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण, स्थिर, समृद्ध और समावेशी राष्ट्र बनाने के प्रयासों का समर्थन करते है। साथ ही भारत सभी सुलह और शांति प्रयासों का भी समर्थन करते हैं।

    उन्होंने कहा कि भारत ‘अफगान नीत, अफगान स्वामित्व वाली व अफगान नियंत्रित’ शांति और सुलह की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस बयान के मुताबिक अफगानिस्तान में भारत की नीति में कोई बदलाव नही हित दिख रहा है। दशकों से अफगानिस्तान में आतंकवाद अपने पांव पसारता रहा है।

    सुषमा स्वराज ने कहा कक अफगानी जनता पर थोपी गयी हिंसा और आतंक का अब अंत होना चाहिए। देश मे अब मज़बूत एकता, संप्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता होनी चाहिए। बीते सप्ताह भारत के सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने सरकार से अफगानिस्तान में शांति के लिए तालिबान सर बातचीत करने का आग्रह किया था। विदेश मंत्रालय से इसे समर्थन नही मिला था। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में शांति अफगान नीत, अफगान स्वामित्व वाली व अफगान नियंत्रित’ होनी चाहिए।

    इस बैठक में भारत और अफगानिस्तान के साथ पांच मध्य एशियाई देश आतंकवाद का मुकाबला करने में एक दूसरे का सहयोगकरने पर राजी हुए थे। भारत, अफगानिस्तान, कजाखिस्तान, उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, ताजिकिस्तान और किर्गिस्तान की ओर से जारी संयुक्त बयान में आतंकवाद को दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया गया। साथ ही इससे लड़ने में आपसी सहयोग पर सहमति जताई थी।

    भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज दो दिवसीय दौरे पर उज़्बेकिस्तान पहुंच गयी है। सुषमा स्वराज पहले भारत-मध्य एशिया संवाद में शरीक हुई। शनिवार को विदेश मंत्री इस दौरे पर निकली थी।

    इस सम्मेलन में युद्ध से जूझ रहे अफगानिस्तान के मसले पर संवाद से लेकर विभिन्न क्षेत्रीय मुद्दों पर वार्ता होगी। भरतोय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उज़्बेकिस्तान के विदेश मंत्री अब्दुल अज़ीज़ कामिलोव समरकंद में आयोजित इस बैठक की सह आयोजक थे।

    भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि अफगानिस्तान के विदेश मंत्री भी इस आयोजन में विशेष आमंत्रित सदस्य ने तौर पर हिस्सा लिया था। किर्गिस्तान, ताजीकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के विदेश मंत्री भी इस समारोह में शरीक होंगे। जबकि कजाकिस्तान के पहले विदेश उप मंत्री भी इस समारोह में शरीक होंगे।

    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर बताया कि साझा इतिहास व संस्कृति की नींव रख रहे हैं। विदेश मंत्री सहम स्वराज भारत-मध्य एशिया संवाद के पहले सत्र के लिए विमान में सवार हो चुकी हैं। वह समरकंद पहुंचकर इस समारोह में शरीक होंगी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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