अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान के अफगानिस्तान में प्रयास निराशाजनक है। उन्होंने इस्लामाबाद को स्थिरता के तहत अपना व्यवहार रखने और दक्षिण एशिया में शांति हासिल करने के लिए एक निर्णायक भूमिका निभाने की हिदायत दी है। यूएस सेन्ट्रल कमांड के कमांडर जोसफ वोटल ने सांसदों से मंगलवार को कहा कि आतंकियों के पाकिस्तान और अफगानिस्तान में कैम्प हैं जो भारत और क्षेत्रीय देशों के लिए खतरा बन हुए हैं।
संसद में जनरल जोशफ वोटल ने कहा कि यह जगजाहिर है कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ अपने प्रयासों में विफल रहा है। तालिबान या अन्य आतंकी संगठनों के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान की भूमिका अभी भी संदेह के घेरे में हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पर दबाव का प्रभाव देखा जा सकता है। हालांकि इमरान खान को जो मोर्चा संभालना चाहिए था उसमें कोई प्रगति नही दिखाई देती है।
उन्होंने कहा कि हमारा रणनीतिक फोकस सुलह व क्षेत्रीय सुरक्षा है। पाकिस्तान के समक्ष अपने वादे को निभाने का अच्छा मौका है कि अफगानिस्तान विवाद के समाधान के लिए अमेरिका के प्रयासों का समर्थन करें।
हाल ही में कांग्रेस में एक रिपोर्ट में खुफिया नेताओं ने चेतावनी दी है कि आईएस के अभी भी सीरिया और इराक में हज़ारों लड़ाके हैं, औऱ अमेरिकी सैनिकों की अनुपस्थिति में वह वापसी कर सकते हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने इस रिपोर्ट को गलत और पक्षपाती बताया। इंटरव्यू में डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि हमने चरमपंथियों को खत्म कर दिया है।
यदि अफगानिस्तान में अमेरिका की कार्रवाई देखे तो बीते 14 वर्षों में 2400 अमेरिकी सैनिक शहीद हुए हैं। जोसफ वोटल ने कहा कि यदि आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान कड़े कदम उठाता तो बेहतर होता।पाकिस्तान का सकारात्मक कदम उनके के हित में होता। अमेरिका के कबूल किया कि वह इस्लामाबाद को मदद मुहैया करता है और आगे भी इसे जारी रखेगा। लेकिन पाकिस्तानी सरकार को भी आतंकवाद के खिलाफ गंभीरता दिखानी होगी।
अमेरिका के एक सांसद ने कांग्रेस यानी सीनेट में पाकिस्तान के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया है। इस बिल में पाकिस्तान को मिले प्रमुख गैर नाटो सहयोगी के दर्जे को खत्म करने की बात कही गयी है।