अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हुए बम धमाकों के बाद अब अमेरिका ने तालिबान के खिलाफ सख्त रूख अपना लिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने बम धमाकों के बाद तालिबान से बातचीत की संभावनाओं को खारिज कर दिया है। ट्रम्प ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि हम अभी बात करने के लिए तैयार है।
वे निर्दोष लोगों को मार रह है, इसलिए हम तालिबान से बात नहीं करना चाहते है। ट्रम्प ने तालिबान के साथ त्वरित वार्ता को खारिज करते हुए कहा कि अब इसमें लंबा समय लग सकता है।
हाल के दिनों में काबुल में तीसरा बड़ा आतंकी हमला हुआ है जिसमें सैकडों लोगों की मौत हुई है। तालिबान व आईएसआईएस लगातार अपने पैर अफगान में पसरा रहा है। दरअसल अफगानिस्तान में आतंकी कार्रवाई के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार माना जाता है।
क्योंकि पाकिस्तान ही आतंकियों को सुरक्षित धरती उपलब्ध करवाकर अपने खतरनाक मंसूबों को अंजाम देता है। अमेरिका कई बार पाकिस्तान के ऊपर इस तरह का आरोप लगा चुका है। हाल के महीनों में आतंकवादियों ने अफगान सैनिकों और पुलिस पर हमले तेज कर दिए है। अफगान सेना बटालियन पर एक आत्मघाती हमले सोमवार को कम से कम 11 सैनिकों की मौत हो गई और 16 घायल हो गए।
इससे पहले शनिवार को आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से भरी एंबुलेंस को भीड़-भाड़ वाली जगह पर चलाया जिसमें कम से कम 103 लोगों की मौत हो गई। इससे पहले 20 जनवरी को तालिबान ने आतंकी हमला किया था जिसमें कम से कम 25 लोग मारे गए थे।
जनवरी माह में ही अफगानिस्तान में कई आतंकी हमले हो चुके है। अफगानिस्तान व कई देश तालिबान के साथ वार्ता करने को तैयार हो चुका है।