अमेरिका के रष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में तालिबान के साथ वार्ता को रद्द कर दिया था। भारत ने गुरूवार को कहा कि अफगानिस्तान में किसी भी शान्ति प्रक्रिया में अफगानी सरकार और उसकी जनता को पूरी सहमती होनी चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि अफगानिस्तान में शान्ति प्रक्रिया से जुडी घटनाओं को भारत करीबी से देख रहा है।
ट्रम्प द्वारा तालिबान के साथ बैठक को रद्द करने के बाबत रवीश कुमार ने बताया कि “हम अमेरिका और तालिबान के बीच वार्ता सहित सभी चीजो पर निगरानी बनाये हुए हैं। हमारे विचार से अफगानी समाज के सभी सेक्शन को शान्ति प्रक्रिया का हिस्सा होना चाहिए।”
ट्रम्प ने 8 सितम्बर को कहा कि “उन्होंने तालिबान के नेताओं के सतह गुप्त मुलाकात को रद्द कर दिया है।” तालिबान ने काबुल में हुए भयावह विस्फोट की जिम्मेदारी ली थी। जिसमे एक अमेरिकी नागरिक सहित दर्ज़नो लोगो की मौत हुई थी।
रवीश कुमार ने कहा कि “हम चुनावी प्रक्रिया का समर्थन करते हैं जो इस माह के अंत में होंगे। हमारे विचार से किसी भी प्रक्रिया को संवैधानिक वसीयत का सम्मान करना चाहिए। किसी भी प्रक्रिया को अफगान सरकार और उसकी जनता का पूरा सहयोग होना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि “हमें भरोसा है कि शान्ति प्रक्रिया पर अमेरिका या अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा लिया गया निर्णय सभी चिंताओं को भी शामिल करेगा।” भारत राष्ट्रीय शान्ति और सुलह प्रक्रिया का समर्थन कर रहा है जो अफगान नियंत्रित, अफगान द्वारा नेतृत्व और अफगानी स्वामित्व की होनी चाहिए।”
मार्च में भारत ने अफगानिस्तान की सरजमीं से अमेरिका के सैनिको की वापसी न करने का आग्रह किया था जब देश को चलाने के लिए एक राजनीतिक ढांचा तैयार नहीं हो जाता है। बीते नवम्बर में रूस में आयोजित अफगान शान्ति प्रक्रिया के सम्मेलन में भारत के दो गैर अधिकारिक पूर्व राजनयिक शामिल हुए थे।
रूस द्वारा आयोजित सम्मेलन में अफगानिस्तान सहित अन्य देशो के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया था, इसमें अमेरिका, चीन और पाकिस्तान भी शामिल है।