अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया में भारत की भूमिका को पाकिस्तान कई दफा नज़रंदाज़ करता रहा है और इसका बखान वह मीडिया में करने से भी नहीं हिचकिचाता है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने गुरूवार को कहा कि अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया में भारत की कोई भूमिका नहीं है।
पाकिस्तान की भूमिका अफगानिस्तान में अहम है
अफगानिस्तान का शांतिपूर्ण हल निकालने के बाबत प्रवक्ता ने पाकिस्तान की जीत की कसीदे पढ़ते हुए कहा कि हमने अमेरिका आर तालिबान से बातचीत के लिए अहम किरदार निभाया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान अनिनिस बात पर हमेशा कायम रहा है कि अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया ‘अफगान नीत, अफगान स्वामित्व वाली व अफगान नियंत्रित’ होना चाहिए।
प्रवक्ता ने कहा कि अपनी इसी नीति का पालन करते हुए हमने अमेरिका और तालिबान से सीधे बातचीत का तरीका निकाला था। मोहम्मद फैसल ने कहा कि पाकिस्तान का मानना है कि इस जंग से जूझते देश में शांति अफगानिस्तान में आंतरिक बातचीत जरिये ही आएगी।
अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया में भारत की भूमिका क प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि “अफगानिस्तान में भारत की कोई भूमिका नहीं है।”
विदेश मंत्री और प्रवक्ता का उलट बयान
हाल ही में विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के बयान से ठीक उलट बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया के लिए भारत का भी सहयोग बेहद महत्वपूर्ण है। शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि उन्होंने अफगानिस्तान में शांति से सम्बंधित सभी पक्षकारों से बातचीत की है और भारत का सहयोग भी इसमें बेहद महत्वपूर्ण है।
मोहम्मद फैसल ने सूचना दी कि पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान अधिकारिक निमंत्रण पर 21 जनवरी को क़तर की यात्रा करेंगे और वहां के प्रधानमन्त्री से मुलाकात करेंगे।
भारत का पक्ष
हाल ही में हुई मध्य एशियाई देशों की बैठक को संबोधित करते हुए भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत अफगानी जनता और सरकार के देश को एक समावेशी राष्ट्र बनाने के प्रयासों का समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि भारत अफगानिस्तान की जनता और उनकी सरकार के देश को एकजुट, संप्रभु, लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण, स्थिर, समृद्ध और समावेशी राष्ट्र बनाने के प्रयासों का समर्थन करते है। साथ ही भारत सभी सुलह और शांति प्रयासों का भी समर्थन करते हैं।