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    अफगानिस्‍तान में अमेरिकी सैनिकों की वापसी के ऐलान के बाद से ही तालिबान कहर बरपा रहा है और उसने 100 से ज्‍यादा जिलों पर कब्‍जा कर लिया है। आलम यह है कि अफगानिस्‍तान के 1500 सरकारी सैनिक पड़ोसी देश भाग गए हैं। इस बीच अफगान सेना की मदद करने के बजाय अमेरिकी सैनिक अब और जल्‍दी अफगानिस्‍तान को खाली कर देंगे। अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने गुरुवार को ऐलान किया कि 31 अगस्‍त तक अमेर‍िकी सेना अफगानिस्‍तान में अपना सैन्‍य अभियान बंद कर देंगे।

    इससे पहले अफगानिस्‍तान को छोड़कर जाने की समय सीमा 11 सितंबर थी। अब बाइडेन तय समय सीमा से पहले अमेरिकी सैनिकों को वापस बुला रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि अब और अमेरिकी सैनिकों की जान नहीं जाएगी। इस दौरान दुनिया के सबसे शक्तिशाली राष्‍ट्र के राष्‍ट्रपति ने यह भी माना अमेरिका को इस 20 साल तक चली जंग में ऐसी सफलता नहीं मिली जिसको लेकर जश्‍न मनाया जा सके।

    वियतनाम युद्ध से अफगानिस्तान की तुलना से इनकार

    अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना का बाहर निकलना वियतनाम शैली की पराजय नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका अफगानिस्तान में अपनी जीत की घोषणा भी नहीं करने वाला है। बाइडन ने बुधवार को ऐलान किया कि अमेरिकी सेना 11 सितंबर नहीं, बल्कि 31 अगस्त को ही अफगानिस्तान में अपने सैन्य अभियान को बंद कर देगी। उन्होंने यह भी माना अमेरिका को इस 20 साल तक चली जंग में ऐसी सफलता नहीं मिली जिसको लेकर जश्‍न मनाया जा सके।

    तालिबान भरोसा करने लायक नहीं: बाइडन

    बाइडन ने यह भी माना कि तालिबान भरोसा करने लायक नहीं है और अमेरिका के जाने के बाद अफगान सरकार पूरे देश पर नियंत्रण कर सकेगी यह जरूरी नहीं है। उन्‍होंने तालिबान और अफगान सरकार से अपील की कि वे एक शांति समझौते पर हस्‍ताक्षर करें। उन्‍होंने कहा, ‘हम अफगानिस्‍तान का निर्माण करने के लिए वहां नहीं गए थे। अफगान नेताओं को साथ आकर भविष्य का निर्माण करना होगा।’ बाइडन ने कहा कि यह एक ऐसी जंग है जिसे जीता नहीं जा सकता है और इसका कोई सैन्‍य हल नहीं है।

    ‘हमें इस लड़ाई में ओसामा बिन लादेन मिला’

    उन्होंने कहा कि ऐसी कोई स्थिति नहीं होगी जब अफगानिस्तान में अमेरिकी दूतावास की छतों को भीड़ को तोड़ती हुई दिखाई देगी। यह बिलकुल भी तुलना के लायक नहीं है। इसके बावजूद बाइडन ने यह कहा कि वे अफगानिस्तान में मिशन पूरा होने का दावा नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में हमारा कुछ मिशन जरूर पूरा हुआ है। हमें ओसामा बिन लादेन मिला लेकिन हम आतंकवाद को दुनिया के उस हिस्से से खत्म नहीं कर पाए।

    By आदित्य सिंह

    दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास का छात्र। खासतौर पर इतिहास, साहित्य और राजनीति में रुचि।

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