अफगानिस्तान ने मंगलवार को इमरान खान के गैर जिम्मेदाराना और बेतुके बयान के कारण अपने राजदूत को पाकिस्तान से वापस बुला लिया है। टोलो न्यूज़ के मुताबिक, इमरान खान ने कहा था कि “तालिबान के साथ शान्ति वार्ता के लिए अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार की नियुक्ति करनी चाहिए क्योंकि मौजूदा सरकार शान्ति वार्ता में खलल डाल रही है।”
पाकिस्तान राजदूत को किया तलब
अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सिब्ग़ातुल्लाह अहमदी ने ट्वीटर पर पोस्ट का कहा कि “इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ़ पाकिस्तान के राजदूत को इमरान खान के बयान की व्याख्या के लिए इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ़ अफगानिस्तान में तलब किया था। शान्ति प्रक्रिया और अंतरिम सरकार के गठन के बाबत इमरान खान के बयान पर विदेश मंत्रालय ने गंभीर आपत्ति जताई थी।”
1/3 Ministry of Foreign Affairs of the Islamic Republic of Afghanistan, summoned the Deputy Ambassador of the Islamic Republic of Pakistan with respect to the recent irresponsible remarks of Pakistan's Prime Minister Imran Khan. pic.twitter.com/HnVaB5zVD2
— Sibghatullah Ahmadi (@Sibghat_Ah) March 26, 2019
उन्होंने कहा कि “ऐसे बयान पाकिस्तान की दखलंदाज़ी नीति और अन्य राष्ट्रों की सम्प्रभुता और अफगानी जनता के दृढ़ संकल्पों के लिए असम्मान को प्रदर्शित करता है। अफगानी विदेश मंत्रालय ने इस्लामाबाद से अफगानिस्तान के राजदूत को इस मामले पर अधिक चर्चा के लिए वापस मुल्क बुला लिया है।”
2/3 Ministry of Foreign Affairs expressed its grave objection on Pakistani PM's recent reckless statements about the peace process and establishment of an interim government, deemed such statements an obvious example of Pakistan's interventional policy
— Sibghatullah Ahmadi (@Sibghat_Ah) March 26, 2019
3/3 and disrespect to the national sovereignty and determination of the people of Afghanistan. The Ministry of Foreign Affairs also recalled Afghanistan’s Ambassador from Islamabad for further discussions on the matter.
— Sibghatullah Ahmadi (@Sibghat_Ah) March 26, 2019
आंतरिक मसलों में न करें हस्तक्षेप
इमरान खान के बयान की अफगानिस्तान में काफी आलोचना हुई है। पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने कहा कि “हम पाकिस्तान और अन्य राष्ट्रों से ऐसे बयानों से बचने और अंतरिम सरकार के गठन जैसे विचारो के द्वारा अफगानी आंतरिक मामले में हस्तक्षेप न करने का आग्रह करते हैं।”
इमरान खान के बयान की आलोचना करते हुए पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोहम्मद हनीफ आत्मर ने कहा कि “पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का बयान अफगानिस्तानी आंतरिक मामलों में दखलंदाज़ी है। अफगानिस्तान सरकार को वैधता अफगानी जनता ने दी है, न कि क्षेत्रीय देशों के नेताओं ने, जो हमारे आंतरिक मामले में मध्यस्थता का प्रयास करते हैं और हमारी सरकार व राजनीति के भविष्य का निर्णय लेते हैं।”
ख़बरों के मुताबिक अफगानिस्तान ने जनवरी में यूएन को पत्र लिखा और कहा कि ‘पाक सेना सीमा पर अतिक्रमण की कोशिश करती है।’ अफगान सरकार ने यूएन से दरख्वास्त की है कि इस समस्या का समाधान करने के लिए जरुरी कदम उठाये। पत्र के मुताबिक पाक ने साल 2017 से 2018 में 28849 गोले दागे थे। इस कारण अफगानिस्तान में 22 लोगों की मौत हो गयी थी और 187 लोग जख्मी हुए थे।
पाकिस्तान नें दी सफाई
पाकिस्तान नें बुधवार को इमरान खान द्वारा दिए गए बयान पर सफाई दी है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय नें कहा है कि प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है और पाकिस्तान अफगानिस्तान में अमन चाहता है।
रायटर्स के मुताबिक पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय नें इसपर सफाई जारी की है। इसमें कहा गया है,
प्रधानमंत्री इमरान खान नें अपने बयान में यह कहने की कोशिश की थी कि अफगानिस्तान में पाकिस्तान की तरह आंतरिक सरकार चुनने के लिए चुनाव होने चाहिए। यह बयान अफगानिस्तान के आन्तरिक मसलों में हस्तक्षेप नहीं है।
उन्होनें आगे कहा कि पाकिस्तान हमेशा अफगानिस्तान में शान्ति चाहता है और पाकिस्तान की इमरान खान सरकार की यह कोशिश है कि किसी तरह अफगानिस्तान में एक संतुलित सरकार बन सके।
जाहिर है अफगानिस्तान में पिछले 17 सालों से आतंकवाद के खिलाफ जंग चल रही है, जिसमें पाकिस्तान भी सहयोग दे रहा है। लेकिन इस दौरान पाकिस्तान अक्सर तालिबान और अन्य आतंकवादी संगठनों को अपने देश में शय देता रहा है।
हाल ही में भी अमेरिका नें बार-बार पाकिस्तान को निर्देश दिए हैं, कि वह आतंकवाद के खिलाफ कदम उठाये।