अफगानिस्तान ने शनिवार को काबुल में स्थित पाकिस्तानी दूतावास के राजदूत को प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा दिए गए बयान पर तलब किया है। अफगान विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी राजदूत से कहा कि “इमरान खान के बयान का मतलब वह हमारे देश के आंतरिक मसलों में दखलंदाज़ी कर रहे हैं और पाक राजदूत से इसका स्पष्टीकरण देने की मांग की है।”
MFA Summons PK Embassy's Counselor
MFA asked PK Counselor 4 clarification on the recent rmks by PM Imran Khan regarding establishment of a new govt in near future. Gov I.R. AF expressed its grave objection on PK’s Gov&deemed such rmrks a flagrant interference in its intern afrs. pic.twitter.com/txdVIFZNjO— Sibghatullah Ahmadi (@Sibghat_Ah) March 16, 2019
रायटर्स के मुताबिक अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय के रावक्ता सिब्गतुल्लाह अहमदी ने कहा कि “विदेश मामलों के मंत्री ने पाकिस्तानी राजनयिक से इमरान खान के हालिया बयान का स्पष्टीकरण माँगा है। अफगान सरकार ने इस पर सख्त प्रतिक्रिया जाहिर की है और यह बयान मुल्क के आंतरिक मसलों में हस्तक्षेप है।”
खैबर पख्तूनवा में जनता को सम्बोधित करते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि “अफगानिस्तान में जल्द ही एक नयी सरकार का गठन होगा।”
पाकिस्तानी राजनयिक सूत्रों के मुताबिक काबुल में स्थित पाकिस्तानी दूतावास में फर्स्ट सेक्रेटरी के पद पर आसीन अदील खान को अफगानी विदेश मंत्रालय ने इमरान खान के बयान को मौखिक रूप से स्पष्ट करने के लिए तलब किया था। सूत्र के मुताबिक इस सवाल की प्रतिक्रिया में पाक राजदूत ने कहा कि “प्रधानमंत्री इमरान खान का बयान सुगम है। उनका भाषण सच्ची निष्ठा से जुड़ा हुआ था। वह टिकाऊ क्षेत्रीय स्थिरता और शान्ति के बाबत बात कर रहे थे।”
इमरान खान का बयान पाकिस्तान और अफगानिस्तान के चरमपंथी गुट तालिबान की नजदीकी की तरफ इशारा करता है। अफगान शान्ति प्रक्रिया पर पाकिस्तान अपना नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश कर रहा है।
इससे पूर्व भी अफगान विदेश मंत्रालय ने पाक दूतावास को समन भेजा था। अफगानिस्तान में पाकिस्तानी राजदूत ने कहा था कि “पुलवामा हमले के बाद यदि भारत प्रतिकार करता है तो यह अफगानिस्तान शान्ति प्रक्रिया को प्रभावित करेगा।” इस बयान की आलोचना करते हुए अफगानिस्तान के विदेश मंत्री ने पाक राजदूत को ऐसे बेतुके बयान ने देने की नसीयत दी थी।