अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में सोमवार को एक बस में सरकारी अधिकारी सफर कर रहे थे और इसको निशाना बनाते हुए बस में विस्फोट किया गया था। सिन्हुआ के मुताबिक, यह विस्फोट स्थानीय समयानुसार सुबह 7:45 बजे हुआ था। हज और धार्मिक मामले के मंत्रालय के कर्मचारियों को ले जा रही मिनी बस में एक चुम्बकीय आईईडी चिपका दिया गया था।
सावधानीपूर्वक कार्रवाई के लिए सुरक्षा बलों ने इस क्षेत्र को बंद कर दिया है। इस मामले की तफ्तीश जारी है। हालाँकि किसी भी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। इससे अलग एक वारदात में एक परिवार के सात सदस्यों को एक अज्ञात हमलावर ने गोलियों से भून दिया था। यह हमला रविवार रात को काबुल के कर्त-ए-सखी क्षेत्र में हुआ था।
दोनों हमलो की अधिक जानकारी के लिए इन्तजार किया जा रहा है। तालिबान और इस्लामिक स्टेट की गतिविधियों के कारण अफगानिस्तान राजनीतिक, सामाजिक और सुरक्षा हालातो की अस्थिरता से जूझ रहा है। बीते 10 दिनों में करीब 10 पुलिस अधिकारीयों की राजधानी में मृत्यु हुई है।
तालिबान का आतंकी कनेक्शन
अमेरिका ने साल 2001 में अफगानिस्तान में अलकायदा के आतंकियों को तबाह करने के लिए प्रवेश किया था। उन्होंने तालिबान को सत्ता से उखाड़ने की कोशिश की थी ताकि आतंकी समूहों की सुरक्षित पनाह को खत्म किया जा सके। अमेरिका के इतिहास में अफगानिस्तान की जंग सबसे बड़ी रही है।
हाल ही में जारी वीडियो में अलकायदा ने तालिबानी चरमपंथ का खुलकर समर्थन किया है। पाकिस्तान के जिहादियों सहित सभी लड़ाके तालिबान के इस्लामिक अमीरात ऑफ़ अफगानिस्तान के लिए एकजुट होकर लड़ रहे हैं। हक़ानी नेटवर्क का नेता जलालुद्दीन हक्कानी का पूर्वी अफगानिस्तान के खोस्त क्षेत्र में नियंत्रण था और वहां अधिकतर ओसामा बिन लादेन के प्रशिक्षण शिविर और समर्थक थे।