अफगानिस्तान की सेना के कमांडो ने शुक्रवार रात को कुंदूज़ के उत्तरी प्रान्त में आयोजित एक अभियान के दौरान तालिबान की कैद से 10 नागरिकों को रिहा करवा दिया है। सैन्य प्रवक्ता गुलाम हज़रात काज़िमी ने सिन्हुआ से कहा कि “यह अभियान शुक्रवार को चाहर दारा जिले के अक सराय गाँव में शुरू हुआ था।”
उन्होंने कहा कि “तालिबान एक ईमारत का इस्तेमाल कैद्गृह केन्द्रो के तौर पर करता था जिसे सुरक्षा बलों ने ध्वस्त कर दिया है।” इस ईमारत की सुरक्षा में तैनात तालिबानी चरमपंथी सैनिको के आगमन से पूर्व भाग निकले थे। आवास मुहैया करने से पूर्व नागरिकों को पहचान प्रक्रिया के लिए सैन्य शिविरों में भेद दिया गया है।
तालिबान की कैद से रिहा हुए लोग जल्द ही अपने परिवार से मिलेंगे। सरकारी सुरक्षा बलों के लिए जासूसी करने के आरोप में तालिबानी चरमपंथी नियमित तौर पर गाँवों और राज्यमार्गो से नागरिकों को बंधक बनाते रहते हैं।
तालिबान हमलावरों के एक समूह ने बुधवार को एक कार बम विस्फोट किया और इसके बाद काबुल के शहर-ए-नवा इलाके में काउंटरपार्ट इंटरनेशनल के चैरिटी के कार्यालय की इमारत के परिसर पर हमला बोला। इस संघर्ष में पांच हमलावरों सहित 10 लोग मारे गए हैं।
अफगानिस्तान में 18 वर्ष की जंग से शान्ति के लिए तालिबान के साथ छठी दौर की वार्ता के लिए अमेरिकी अधिकारी दोहा में मौजूद थे। बीते नौ महीनो से दोनों पक्षों के बीच बातचीत का सिलसिला जारी है।
अमेरिकी राजदूत ने ट्वीट कर कहा कि “काबुल में आज यूएन के एनजीओ की ईमारत पर तालिबान के आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हैं। निशाना बनायीं गयी संस्था स्थानीय समुदाय, प्रशिक्षित पत्रकारों और अफगानी जनता का सहयोग करती है।”