अफगानिस्तान में अमेरिका की शान्ति वार्ता को झटका लगा है। तालिबान ने शुक्रवार को वार्षिक वसंत आक्रमकता की घोषणा की है। इसका मकसद आधिपत्य को जड़ से खत्म करना और मुस्लिम राष्ट्र में भ्रष्टाचार व आक्रमण का सफाया करना है।
अलजजीरा के मुताबिक, वार्षिक स्प्रिंग ओफ्फेंसिव का मतलब कथित संघर्ष मौसम की शुरुआत है। तालिबान ने बयान में कहा कि “फ़तेह अभियान की शुरआत होगी जो पूरे अफगानिस्तान में संचालित किया जायेगा जिसका मकसद आधिपत्य को जड़ से खत्म करना और मुस्लिम राष्ट्र में भ्रष्टाचार व आक्रमण का सफाया करना है।” हालाँकि तालिबान के इस रुख को सरकार ने एक प्रोपोगेंडा करार दिया है।
अफगान रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता क़ैस मंगल ने कहा कि “तालिबान अपने शातिर लक्ष्यों को कभी हासिल नहीं कर पायेगा और उसके अभियानों को बीते वर्षों की तरफ कुचल दिया जायेगा।” अफगान में दो दशक से जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए अमेरिका काफी प्रयास कर रहा है। दोहा में अमेरिकी और तालिबानी अधिकारीयों के बीच कई दफा बातचीत हो चुकी है।
बीते वर्ष दिसंबर में डोनाल्ड ट्रम्प ने अफगानिस्तान से पूरे अमेरिकी सैनिकों की वापसी का ऐलान किया था। तालिबान और अमेरिकी अधिकारीयों केबीच अगले स्तर की बातचीत के लिए कोई तिथि तय नहीं की गयी है।
बीते माह अफगान के चीफ एग्जीक्यूटिव अफसर अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह ने कहा कि “जंग से जूझ रहे देश में शान्ति की स्थापना के लिए तालिबान एक बाधा है। वार्ता टीम बातचीत को रद्द करने के तालिबान के बहाने से भी बचा सकती है।”
फरवरी में रूस ने अफगान शान्ति प्रक्रिया की मेज़बानी की थी जिसमे कई तालिबानी अधिकारीयों को न्योता दिया गया था। इस बैठक में अफगान सरकार को आमंत्रित नहीं किया गया था। इस सम्मेलन पर काबुल ने विरोध व्यक्त किया था और कहा कि यह बैठक अफगान नेतृत्व और नियंत्रित शान्ति प्रक्रिया के मूल भावना के खिलाफ है।