अफगानिस्तान के आतंकी संगठन तालिबान के आतंकियों ने 17 सुरक्षा कर्मियों को मार डाला। आधिकारिक सूचना के मुताबिक अफगानिस्तान के दो प्रांतों के चेकपॉइंट पर तालिबानी आतंकियों ने हमला कर दिया। अफगानिस्तान में इस हफ्ते संसदीय चुनाव होने वाले हैं।
तालिबान का मकसद अफगानिस्तान से विदेशी सेना और पश्चिमी सहयोग से सत्तासीन सरकार को खदेड़ना है। तालिबान अफगानिस्तान में इस्लामिक कानून को लागू करना चाहते हैं।
प्रांतीय राज्यपाल रहमतुल्लाह यारमल ने बताया कि जाबुल प्रान्त के दक्षिणी गाँव में एक पुलिस प्रमुख इस नृशंस हमले में शहीद हो गया। पश्चिमी प्रान्त में तालिबान लडाकों ने दो चेकपॉइंट पर 21 फौजियों को मार दिया।
फराह प्रान्त परिषद् के सदस्य ने बताया की तालिबानी हमलावरों ने 11 जवानों को कब्जे में लेकर उनके हथियार जब्त कर लिए हैं।
इस्लामिक आतंकी समूह तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिदी ने बताया कि उनके लड़ाकों ने दो प्रांतों में शनिवार रात को एक पुलिस प्रमुख सहित 25 सेना के जवानो को मौत के घाट उतारा दिया।
पिछले सप्ताह तालिबान ने अफगान नागरिकों से चुनाव का बहिष्कार करने को कहा था। तालिबान के आतंकी गुट ने कहा था कि अमेरिका तालिबान के अस्तित्व के विनाश और अफगानिस्तान में अपना प्रभुत्व कायम करने के लिए नागरिकों का इस्तेमाल कर रहा है।
आगामी वर्ष होने वाले अफगानिस्तान के राष्ट्रपति चुनाव में अंतर्राष्ट्रीय साझेदार मित्र रुखा व्यवहार दर्शा रहे हैं। इन चुनावों के दौरान आतंकी हिंसा और धोखादड़ी होने की संभावनाएं हैं।
हाल ही में अमेरिकी राजदूत तालिबान से सुलह प्रक्रिया की बातचीत के लिए राज़ी हुए थे। तालिबान और अमेरिकी शान्ति दूत क़तर में मुलाकात करेंगे। तालिबान यह मांग करता रहा है कि विदेशी सेनाओं को अफगान की सरजमीं से बाहर निकल जाना चाहिए। अमेरिकी शान्ति दूत सोमवार को अफगानी राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात करेंगे।