भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी का अफगानिस्तान में लाइब्रेरी के निर्माण को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने खिल्ली उड़ाई थी, जिस पर तीखी प्रतिक्रिया कांग्रेस ने दी है। कांग्रेस ने कहा कि अफगानिस्तान में लाइब्रेरी के निर्माण पर प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी का मजाक अस्वीकार्य है और सरकार से अमेरिका को अफगानिस्तान में भारत की सहायता याद दिलाने का आग्रह किया था।
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि जंगी देश में कोई लाइब्रेरी का इस्तेमाल नहीं करेगा। साथ ही उन्होंने अफगानिस्तान की सुरक्षा में भारत का योगदान न देने के लिए भी आलोचना की थी।
अफगानिस्तान में भारत की भूमिका
डोनाल्ड ट्रम्प की आलोचना का जवाब देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा कि भारत के प्रधानमन्त्री के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति की यह टिप्पणी न ही थी है और न ही स्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि हमारी सरकार इसकी सख्ती से प्रतिक्रिया देगी और अमेरिका को साल 2004 के बाद भारत का अफगानिस्तान में सड़कों, बांधों के निर्माण के बाबत बताएगी और 3 अरब डॉलर आर्थिक सहायता की मदद के संकल्प को भी दोहराएगी।
अमेरिका से उपदेश की जरुरत नहीं
कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा की भारत को अफगानिस्तान के मसले पर अमेरिका के उपदेश की जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प को भारतीय प्रधानमन्त्री का मजाक बनाना बंद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह के कार्यकाल में भारत ने अफगानिस्तान की संसद के निर्माण में मदद की थी। भारत ने रणनीतिक आर्थिक साझेदारी को बरकरार रखने के लिए मदद की और हम अपने अफगानी भाई-बहनों के साथ है।
Dear Mr. Trump,
Stop mocking India’s PM
India dosn’t need sermons from the U.S on Afghanistan
Under Dr Manmohan Singh, India helped build Afghan National Assembly
Humanitarian needs to strategic economic partnership, we are one with our Afghani brothers & sisters pic.twitter.com/DlK9BM9XsZ
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) January 3, 2019
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि वह नरेन्द्र मोदी के साथ थे, “भारतीय प्रधानमन्त्री ने निरंतर अफगानिस्तान में एक लाइब्रेरी के निर्माण की बात मुझसे कही थी। हमने पांच घंटे इस पर चर्चा करने में व्यतीत किये थे और मुझे लाइब्रेरी के लिए धन्यवाद कहना पड़ा था। मुझे नहीं पता अफगानिस्तान ने इस लाइब्रेरी का इस्तेमाल कौन करेगा।”