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    डोनाल्ड ट्रम्प

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को कहा कि वह जिस्तना जल्दी हो सके उतना जल्दी अफगानिस्तान की सरजमीं से बाहर निकलना चाहते हैं और दोहराया कि अमेरिका की इन जंगो के पछड़ो में नहीं पड़ना चाहिए था। अफगानिस्तान की सरजमीं पर अमेरिका की सबसे लम्बी जंग को खत्म करने के लिए ट्रम्प प्रशासन ने प्रयासों को काफी बढ़ा दिया है।

    अफगानी सरजमीं से बाहर निकलना

    साल 2001 से अफगानी सरजमीं पर अमेरिका ने अपने 2400 से अधिक सैनिको को गंवाया है। 9/11  के हमले के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान में घुसपैठ की थी। अमेरिका के विशेष राजदूत ज़लमय खलीलजाद सुलह प्रक्रिया का नेतृत्व कर रहे हैं।

    अमेरिकी सैनिको की अफगानी सरजमीं से वापसी और अफगान सरकार में विद्रोही समूह की भागीदारी के लिए दोनों पक्षों में बातचीत की जा रही है। डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “आपने सुना ही होगा और आप जानते भी होंगे कि हम जितनी जल्दी हो सके अफगानिस्तान की सरजमीं से बाहर निकलना चाहते हैं।”

    अमेरिका के राष्ट्रपति माइक पोम्पियो ने दो दिन पहले बयान दिया था कि “अमेरिकी राष्ट्रपति ने उन्हें अफगानिस्तान में साल 2020 से पूर्व अमेरिकी सैनिको की संख्या को कम करने के आदेश दिए थे।” साल 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनावो के दौरान डोनाल्ड ट्रम्प ने अफगानी सरजमीं पर सैनिको की संख्या को कम करने का संकल्प लिया था।

    डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “मैं इन मूर्खतापूर्ण जंग से बाहर निकलना चाहता हूँ, जिसमे हमें कभी शामिल होना ही नहीं चाहिए था। यह उन जंगो में शुमार है जहां हम ख़ुफ़िया और अन्य चीजो के जरिये ज्यादा नुकसान नहीं कर सकते थे और हमें कभी इसमें पड़ना ही नहीं चाहिए था।”

    अफगानिस्तान में 18 वर्षों से जारी जंग का अंत करने के लिए अफगानी प्रतिनिधियों ने दोहा में आयोजित सम्मेलन में शामिल हुए थे ताकि अफगानी सरजमीं पर हताहत शून्य हो सके। यूएनएएमए की रिपोर्ट के मुताबिक, 1366 नागरिकों की मौत हुई थी और अन्य 2446 लोग 30 जून तक छह माह में जख्मी हुए हैं।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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