अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान के साथ मुलाकात के दौरान अफगानिस्तान के सम्बन्ध में बयान दिया था और अब अफगान सरकार ने इस बयान पर अमेरिकी सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की है।
अफगानिस्तान को 10 दिनों में वैश्विक नक़्शे से हटा देंगे
ट्रम्प ने कहा कि “अगर हम अफगानिस्तान में जंग को लड़ना चाहते तो जीते जाते। मैं इस जंग को सिर्फ एक सप्ताह में जीत सकता हूँ। मैं बस एक करोड़ लोगो की हत्या नहीं चाहता हूँ। अगर हम जंग लड़ने पर उतारू हो गए तो अफगानिस्तान दुनिया के नक़्शे से गायब हो जायेगा। यह सच में मिट जायेगा और 10 दिन में सब खत्म हो जायेगा।”
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि “मैं उस मार्ग पर नहीं जाना चाहता हूँ। इसलिए हम पाकिस्तान और अन्यो के साथ कार्य कर इस मसले को सुलझा रहे हैं। न ही हम एक पुलिस वाले बनना चाहते हैं क्योंकि सच कहूँ तो अभी हम एक पुलिस की तरह है और हम यह नहीं बने रहना चाहते हैं।”
विदेशो को भविष्य को बनाने का हक़ नहीं
काबुल ने दोनों नेताओं के बीच इस बातचीत की आलोचना की है और कहा कि “अफगानिस्तान राष्ट्र न अभी और ना ही भविष्य में किसी भी विदेशी ताकत को अपनी किस्मत को बनाने की अनुमति नहीं देगा। वैश्विक देशों के साथ हमारा सहयोग और साझेदारी संयुक्त हित और आपसी सम्मान पर आधारित है। जबकि अफगानिस्तान की सरकार अफगानी सरजमीं पर शान्ति को सुनिश्चित करने के अमेरिकी प्रयासों का समार्थन करती है।”
उन्होंने कहा कि “अफगान नेतृत्व की गैर मौजूदगी में विदेशी मुल्कों के प्रमुखों को हमारे मुल्क की किस्मत नहीं बना सकते हैं। वैश्विक राजनीतिक पटल पर अफगानिस्तान हमेशा गरिमापूर्ण और दृढ़ निश्चयी रहेगा। अफगान और अमेरिका के बीच बहुआयामी मित्रता होने के कारण अफ्फ्गन सरकार अमेरिका के राष्ट्रपति के पाक प्रधानमन्त्री से मुलाकात के दौरान दिए गए बयान पर स्पष्टीकरण की मांग करती है।”