डोनाल्ड ट्रम्प के साथ मुलाकात से पूर्व पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान ने रविवार को अफगानिस्तान में शान्ति के लिए सैन्य समाधान नहीं होना बताया था और कहा कि वह अमेरिका के राष्ट्रपति के समक्ष इसी प्रकार के विचारों को रखेंगे।
तालिबान खान का खिताब
उन्होंने कहा कि “मुझे तालिबान खान को बुलाया गया लेकिन अल्लाह अल हक है। जो समस्त विश्व अब कह रहा है मैं कई सालो पहले कह रहा था कि अफगानिस्तान में कोई सैन्य समाधान नहीं है। मैं कल डोनाल्ड ट्रम्प के समक्ष ऐसे ही विचारो को प्रस्तुत करूँगा।” इमरान खान ने अमेरिका में पाकिस्तानी समुदाय को संबोधित करते हुए यह बयान दिया था।
इमरान खान को तालिबान खान की उपाधि दी गयी है और इसका कारण उनका तालिबान का लगातार बचाव करना है। पाक पीएम कल डोनाल्ड ट्रम्प से व्हाइट हाउस में मुलाकात करेंगे। उनके साथ पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष और लेफ्टिनेंट जनरल हमीद है।
अफगानिस्तान दो दशको से चरमपंथ को झेल रहा है और इस मुल्क में शांति के लिए अमेरिका ने शान्ति प्रक्रिया की शुरुआत की है। अफगान शान्ति की प्रक्रिया में शामिल होने वाला पाकिस्तान हालिया राष्ट्र है। गल्फ न्यूज़ के मुताबिक, 30000 पाकिस्तानियों ने अरेंना स्टेडियम में इमरान खान का स्वागत किया था, जहां 20000 लोगो की जगह है। यह इमरान खान का पहला संबोधन था।
विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि “पाकिस्तान क्षेत्र में शान्ति और स्थिरता की इच्छा रखता है और दावा किया कि पाकिस्तान आतंकवाद को नेस्तनाबूत करने के लिए सक्षम है। पाकिस्तान ने सफलतापूर्वक आतंकवाद की धमकियों का अंत कर दिया है और संघात्मक प्रशासनिक आदिवासी क्षेत्रों में शांतिपूर्ण चुनावो का आयोजन किया गया था। यह विकास और समृद्धता की शुरुआत है।”
उन्होंने कहा कि “क्षेत्रीय स्थिरता के लिए पाकिस्तान अफगान शान्ति प्रक्रिया को समर्थन करना जारी रखेगा। आप विश्व में कही भी चले जाए और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को देखेंगे और आप पाएंगे की कैसे उन्हें योग्यता को प्राथमिकता देते है और सबसे बेहतरीन परिणाम निकलकर आता है। लोकतंत्र की सुन्दरता योग्यता है।”