अफगानिस्तान में तालिबान और सरकार समर्थित सुरक्षा बलों के मध्य संघर्ष जारी है। अफगानिस्तान और तालिबान के मध्य सुलह बातचीत बावजूदचरमपंथ समूह अफगान सैनिकों को निशाना बना रहा है। तालिबान के आत्मघाती हमलावरों ने काबुल दूतावास को निशाना बनाया है। जिसमे अधिकारियों के मुताबिक इस हमले में आठ नागरिकों की हत्या कर दी है।
यह हमला मंगलवार को पश्चिमी काबुल के पघ्मान जिले में हुआ था। मंत्रालय के प्रवक्ता नसरत रहीमी ने बताया कि इस हमले में चार सुरक्षा कर्मियों सहित 12 लोगों की जानी गयी है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक इस रात्रि में हुए हमले में आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे।
यूनाइटेड नेशनल असिस्टेंस मिशन इन अफगानिस्तान में इस साल जनवरी से सितम्बर के मध्य लगभग 2,798 नागरिकों की हत्या की गयी है और 5,252 लोग जख्मी हुए हैं।
बीते माह राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा था कि साल 2015 से 28529 अफगान सुरक्षा सैनिकों की हत्या की गयी थी। अनुमान के मुताबिक रोजाना लगभग 20 अफगान सैनिकों की हत्या की जाती है। अमेरिका ने 17 साल के इस लम्बे संघर्ष के अंत के लिए शांति वार्ता के लिए बातचीत का दबाव बनाया था। तालिबान ने इन सालों में अफगानिस्तान के अधिकतर विशाल इलाकों पर अपना नियंत्रण स्थापित किया है।
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन ने तालिबान के साथ शांति वार्ता के लिए सीधे बातचीत कर रहे हैं। तालिबान के अधिकारियों ने अमेरिका के अफगानिस्तान के राजदूत ज़लमय खलीलजाद के साथ क़तर में तीन दिन शांति वार्ता का आयोजन किया था।
अफगानिस्तान में शांति का प्रयास
बीते माह राष्ट्रपति अशरफ गनी ने तालिबान के साथ शांति वार्ता के लिए 12 सदस्यों की टीम का गठन किया था। सरकार आगामी वर्ष आयोजित चुनावों में शांति चाहती है। हाल ही में रूस ने अफगानिस्तान में शांति के लिए मास्को में एक बैठक का आयोजन किया था, इस बैठक में तालिबान के प्रतिनिधि सहित कई देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। अमेरिका के राष्ट्रपति ने अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया की शुरुआत के लिए पाकिस्तान से मदद मांगी थी और पाकिस्तान ने कहा था कि भारत का सहयोग भी जरुरी है।
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