काबुल यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर समेत तीन संदिग्धों को रविवार को अफगानी सेना ने इस्लामिक स्टेट के साथ ताल्लुक होने के शक में गिरफ्तार कर लिया है। इन तीन दोषियों पर काबुल में आतंकी हमले की साजिश रचने का भी आरोप है। बयान में नेशनल डायरेक्टरेट ऑफ़ सिक्यूरिटी, अफगानिस्तान इंटेलिजेंस एजेंसी ने कहा कि प्रोफेसर मुबाशिर मुस्लिम्यर कथित तौर पर छात्रों को आईएस में शामिल होने के लिए उकसाता था।
हमले के आरोप में काबुल के प्रोफेसर गिरफ्तार
तीन दोषियों को हालिया समय में काबुल में आतंकी हमले को अंजाम देने की साजिश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। एनडीएस ने बयान में कहा कि “5 सितम्बर 2018 को पश्चिमी काबुल में रेसलिंग क्लब, मैवंड जिम में हमला किया गया था जिसमे 21 लोगो की मौत हुई थी।”
इस बस में इंडिपेंडेंट एडमिनिस्ट्रेटिव रिफार्म और सिविल सर्विस कमीशन के कर्मचारी सवार थे और 4 जून को उनकी बस पर हमला किया गया था। इसमें पांच लोगो की मौत हुई थी। काबुल में हामिद करज़ई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर हमला किया गया था।
जांच विभाग ने बताया कि संदिग्धों ने कबूल किया कि वह काबुल यूनिवर्सिटी के तीन लेक्चरर से प्रभावित होकर आतंकी समूह में भर्ती होने के लिए गए थे और इन हमलो को अंजाम दिया था।
अफगान युद्ध को समाप्त करने के लिए अमेरिकी अधिकारियों और तालिबान के बीच शांति के लिए बातचीत के बावजूद भी इस्लामिक स्टेट नागरिक इलाको पर हमलों की जिम्मेदारी लेता रहता है।
अफगानिस्तान में मध्य प्रांत ग़ज़नी की एक मस्जिद में रात्री में हुए हमले की जिम्इमेदारी स्लामिक स्टेट के लड़ाकों ने ली है। इस्लामिक स्टेट अक्सर अफगानिस्तान के शिया अल्पसंख्यकों को निशाना बनाता रहा है। शिया मुस्लिमों को आइएस काफिर मानता है। हाल के वर्षों में शिया अल्पसंख्यकों को निशाना बनाये जाने की संख्या में खासा इजाफा हुआ है।