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    अमेरिकी सैनिक

    अफगानिस्तान में सोमवार को अमेरिका के दो सैनिको की मौत हो गयी थी। 18 वर्षों की जंग को खत्म करने के लिए अमेरिका बातचीत कर रहा है। इससे अधिक जानकारी नहीं दी है। अफगानिस्तान में इस माह मृतक अमेरिकियों की संख्या तीन पर पंहुच गयी है और साल 2019 में यह 11 है।

    ग्रीन ऑन ब्लू हमला

    अमेरिका के अधिकारी ने कहा कि “शुरूआती सूचना के मुताबिक, यह नीले पर हरे का हमला था। अंडे हुए हमलो को ग्रीन ऑन ब्लू हमला कहते हैं। इसमें अफगानी सैनिक या हमलावर अफगान वर्दी पहनकर अमेरिकी या गठबंधन के सैनिको पर गोलीबारी करता है। अफगानिस्तान की जंग में अब यह निरंतर होता जा रहा है।

    अधिकारी ने कहा कि “यह वारदात कंधार में ही थी। यह शुरूआती सूचना है और इसमें परिवर्तन हो सकता है। अमेरिका के नेतृत्व में नाटो अभियान के करीब 14000 अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान में मौजूद है। अमेरिका के सैनिक अफगान की सेना की सहायता और सुलह देते हैं और आतंकवाद रोधी अभियानों को अंजाम देते हैं।”

    तालिबान और अमेरिका के बीच बातचीत के बावजूद देश में हिंसा का माहौल जारी है। अफगान के चुनावो में उपराष्ट्रपति पद के दावेदार अमरुल्लाह सालेह के काबुल के दफ्तर पर हमला किया गया था। इस फियादीन हमले से मृतकों की संख्या का आंकड़ा 20 पर पंहुच गया है और 50 लोग जख्मी है।

    रविवार को हमले से काबुल में परेशानियों में इजाफा हुआ है, चुनावो की तैयारियों की चिंता बढ़ गयी है और अफगान सरकार के लिए भविष्य में अमेरिकी सैन्य सहयोग पर भी अनिश्चितता है। अमेरिका के राजनयिक कई महीनो से तालिबान के साथ बातचीत कर रहे हैं।

    अफगानिस्तान की सरजमीं से अमेरिकी सैनिको की वापसी के बदले तालिबान ने आतंकवादी समूहों को पनाह न देने की गारंटी दी है। वार्ता के अगले माह बहाल होने की उम्मीद है और इसकी उम्मीद बढ़ गयी है कि दोनों पक्ष समझौते के काफी नजदीक है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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