डोनाल्ड ट्रम्प ने सीरिया से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने का आदेश भेजा था, इस मसले पर विवाद के कारण उनके रक्षा सचिव जिम मैटिस ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। रायटर्स के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति अब अफगानिस्तान से अपने 14 हज़ार सैनिकों में से आधे को वापस अमेरिका बुलाने की योजना बना रहे हैं।
तालिबान से बातचीत
अमेरिकी के विशेष राजदूत ज़लमय खलीलजाद अभी तालिबान के साथ बातचीत में जुटे हैं। अफगानिस्तान की इस जंग में अमेरिका ने साल 2001 में प्रवेश किया था, लेकिन अब अमेरिका के अधिकार में काफी इलाके हैं। एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि अफगानिस्तान से सैनिकों को वापस ग्रीष्म ऋतु तक बुलाया जायेगा, लेकिन इस मसले पर अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
हालांकि यह बात अस्पष्ट है कि क्या चंद अमेरिकी सैनिक पूरी कार्रवाई को करने में सक्षम होंगे। अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान में अफगान सैनिकों को प्रशिक्षण, जंग में सलाह और तालिबान व एनी हथियारबंद समूहों के खिलाफ हवाई कार्रवाई करना सिखाते हैं।
अफगानिस्तान अभियान में नुकसान
वांशिगटन निश्चित रूप से अपने अभियान में कटौती करने का मन बना चुका है। अमेरिका का यह कदम आतंकी समूह तालिबान को वापस अपने पैर पसारने का अवसर मुहैया करेगा। अफगानिस्तान पर टिप्पणी करने से पेंटागन ने इनकार कर दिया है।
अमेरिकी सैनिकों की अफगानिस्तान में नवम्बर 2001 में आक्रमण के दौरान एंट्री हुई थी। यह सितम्बर 2001 में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और पेंटागन में हुए हमले का प्रतिकार था।
बीते माह ब्राउन यूनिवर्सिटी के वनस्टॉन इंस्टिट्यूट ने अध्य्यन कर बताया कि अमेरिका की इस कथित जंग में सैकड़ों-हजारों लोगों की जाने गयी है। सिर्फ अफगानिस्तान में 38,480 नागरिकों की मौत हुई थी।
डोनाल्ड ट्रम्प की राय
यूएन के अभियान के मुताबी इस वर्ष जनवरी से सितम्बर में अफगानिस्तान में 2798 नागरिकों की हत्या की गयी है जबकि 5225 लोग जख्मी हुए हैं। डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि हम अफगानिस्तान में क्या कर रहे हैं, हम वहां सालों से हैं।
रिपब्लिक सांसद लिंडसे ग्रैहम ने कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प का निर्णय अफगानिस्तान के लिए खतरा हो सकता है। हालिया स्थिति में अफगानिस्तान के हालात नाजुक है और ऐसे में अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाना खतरनाक रणनीति है।
डोनाल्ड ट्रम्प ने बीते वर्ष अफगनिस्तान में सैनिकों की संख्या में वृद्धि करने की मंजूरी दी थी लेकिन कहा कि वह ये सब अनिच्छा से कर रहे हैं। वांशिगटन में नियुक्त सऊदी अरब के राजदूत ने ट्वीट कर कहा कि चर्चा काफी अच्छी चल रही है और इसका सकारत्मक परिणाम आगामी वर्ष की शुरुआत तक मिल जायेगा।