फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया में बॉलीवुड के एक्टर अनुपम खेर को गजेंद्र चौहान की जगह चेयरमैन के रूप में चुना गया है। इस मामले में सवाल उठाते हुए इंस्टिट्यूट के छात्र-संघ ने अनुपम खेर के चयन पर आरोप लगाते हुए कहा है कि यह हितो का टकराव है। इस आरोप के पीछे वजह अनुपम खेर का खुद का फिल्म इंस्टिट्यूट मानी जा रही है।
एफटीआईआई छात्र संघ (एफएसए) ने अनुपम खेर द्वारा असहिषुणता के मामले पर दिए हुए बयानों और सरकार के विचारो का प्रचार करने को लेकर भी आरोप लगाया है। उन्होंने साफ़ तौर पर कहा कि जहां तक अनुपम खेर के योग्यता और साख की बात है उस पर सवाल नहीं किया जा सकता है।
एफएसए के अध्यक्ष रोबिन जॉय ने अनुपम खेर के चयन पर सवाल करते हुए कहा कि हम उनके साख और योग्यता के बारे में हमे कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन दिक्कत इस बात से है क्योकि वह अपना खुद का मुंबई में एक्टिंग स्कूल चलते है और उन्हें अब सरकारी फिल्म इंस्टिट्यूट की कमान सौंपी गयी है इससे यक़ीनन ही हितो का टकराव होता है। उन्होंने आगे कहा कि सवाल वह खड़ा होता है कि वे एक निजी संस्थान का मालिक होने के बाद इस तरह सरकारी संस्थान का नेतृत्व कैसे कर सकते है।
आगे अध्यक्ष से पूछा गया कि क्या वह इसी तरह विरोध करेंगे जैसे उन्होंने गजेंद्र चौहान के अध्यक्ष बनने पर किया था। आगे उन्होंने कहा कि वे अभी इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं कह सकते है, इससे आगे का फैसला एफएसए की मीटिंग में लिया जाएगा।