जैसा कि जग-ज़ाहिर है, उपराज्यपाल अनिल बैजल और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच काफी नोकझोंक का खेल चलता रहता है।
कभी उपराज्यपाल सरकार पर काम ना करने का आरोप लगाते है तो कभी सरकार उन पर काम ना करने का। इसके बीच जो सबसे ज़्यादा पिस्ता है वह है दिल्ली की जनता।
परन्तु हाल ही में उपराज्यपाल अनिल बैजल की मुश्किलों में इजाफा हुआ है। दिल्ली में कूड़े को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को कड़ी फटकार लगाई है।
दिल्ली में ठोस कचरा प्रबंधन पर अथॉरिटीज के जवाब से असंतुष्ट सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को फिर उपराज्यपाल अनिल बैजल को फटकार लगाई।
गौरतलब है की, इन दिनों उपराज्यपाल सोनिया विहार में कूड़े के ढेर को लेकर लैंडफिल साइट की कवायद कर रहे है।
परन्तु हाल ही में इसके खिलाफ कोर्ट ने उनकी मांग को खारिज कर कहा कि आम आदमी रहते हैं तो आप वहां कूड़ा फेंकना चाहते हैं। कोर्ट ने पूछा है कि ठोस कचरा प्रबंधन योजना कैसे लागू की जाएगी।
खासकर घरों में गीला और सूखा कचरा अलग करने की। इसको लेकर कोर्ट ने उन्हें लताड़ा एवं कहा कि कचरा उठाकर एलजी के घर के आगे राजनिवास मार्ग पर फेंक दो। इस मामले पर अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी।
इसके बाद जस्टिस एमबी लोकुर और दीपक गुप्ता की बेंच ने कहा, “क्या आप यह कहना चाहते हैं कि 1975 की तरह लोग आवाज नहीं उठा सकते? तब भी कुछ बोलते ही लाेगों को जेल में डाल दिया जाता था।’ इस पर एएसजी ने कहा कि वह ऐसा नहीं कह रहे। तो कोर्ट ने तल्खी से कहा, “फिर कचरा उठाकर राजनिवास मार्ग पर फेंक दो। आप एक घर का कचरा दूसरे के सामने फेंकना चाहते हो। उसे यह कहने का तो हक है कि मेरे घर के आगे कचरा मत फेंको। यह अपराध है।’