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    अनिल-अम्बानी-आरकॉम

    हाल ही में अनिल अंबानी की कर्ज में डूबी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन ने दिवालिया घोषित किये जाने के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में अर्जी लगाईं है। जब से यह फैसला लिया गया है तब से रिलायंस कम्युनिकेशन के शेयर में 54 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट दर्ज की जा चुकी है।

    इसके साथ ही इकनोमिक टाइम्स द्वारा पेश की गयी एक रिपोर्ट के अनुसार स्वीडन का टेलिकॉम गियर निर्माता एरिक्सन भी जल्द ही रिलायंस की सम्पाती जब्त करने की कोर्ट में अर्जी लगाएगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि रिलायंस अभी तक एरिक्सन को कर्ज नहीं चूका पाया है।

    रिलायंस का अतीत :

    रिलायंस इंडस्ट्रीज को धीरुभाई अंबानी ने स्थापित किया था जिनका 2002 में देहांत हो गया था। उनकी मृत्यु के समय भारत में रिलायंस सबसे बड़े ब्रांड में से एक था। इस कंपनी के उस समय कुल 20 लाख शेयरधारक थे जोकि भारत की सभी कंपनियों में से सबसे ज्यादा थे।

    कहा जाता है की इसकी 1977 में लिस्टिंग के बाद जब मीटिंग होती थी तो उसके सदस्यों की संख्या इतनी अधिक होती थी की मीटिंग को फुटबॉल स्टेडियम में कराना पड़ता था।

    रिलायंस कम्युनिकेशन अनिल अंबानी को मिली अपने पिता की संपत्ति का ही एक भाग है।

    इस तरह शुरू हुई मुश्किलें :

    शुरू में आरकॉम का कार्य ठीक चल रहा था लेकिन साल 2000 के आखिर में आते आते भारतीय टेलिकॉम बाज़ार में मूल्य युद्ध, भारी ऋण और लाभप्रद लाभप्रदता जैसे घटक आ गए जिससे रिलायंस बुरी तरह प्रभावित हुआ था।

    मई 2018 में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने रिलायंस पर स्वीडिश टेलिकॉम गियर निर्माता एरिक्सन द्वारा दायर किये गए दिवालिया घोषित करने की अर्जियां दर्ज की। सूत्रों के अनुसार सदिश कंपनी के रिलायंस कम्युनिकेशन पर कुल 1100 करोड़ रूपए बकाया थे।

    लेकिन रिलायंस ने अपने दिवालिया घोषित किये जाने से इनकार कर दिया। इसके लिए उसने जिओ से होने वाली डील का हवाला दिया जिससे वह एरिक्सन को 550 करोड़ चुकाने वाली थी। लेकिन जिओ के साथ सौदे को टेलिकॉम नियंत्रक से अनुमति नहीं मिली जिसके चलते वह एरिक्सन का कर्ज नहीं चूका पायी।

    इसके अतिरिक्त रिलायंस को छोटे शेयरधारकों को कुल मिलाकर 232 करोड़ रूपए देने होंगे।

    रिलायंस के वर्तमान हालात :

    रिलायंस को 2017 में जबरदस्ती अपने वायरलेस सञ्चालन बंद करने पड़े थे क्योंकि उससे इसे लगातार घाटा हो रहा था। इस तरह अनिल अंबानी की संपत्ति में लगातार गिरावट आती रही।

    हाल ही में जब रिलायंस ने अपने आप को दिवालिया घोषित होने की नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में अर्जी लगाईं उससे इसके शेयर में लगातार तेज़ गिरावट हो रही है। इतने थोड़े समय में रिलायंस कम्युनिकेशन के शेयर में 54 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट दर्ज की जा चुकी है।

    जैसे जैसे कंपनी को घाटा हो रहा है, इसका कर्ज भी बढ़ता जा रहा है और कुल 45000 करोड़ से ज्यादा हो चूका है।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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