आरकॉम के मुखिया अनिल अंबानी से अपना पैसा वापस पाने के लिए 24 देनदारों ने नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) का दरवाजा खटखटाया है। इन कंपनियों ने अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस ग्रुप से दिवालियापन व बैंकरप्सी कोड के सेक्शन 9 के अंतर्गत अपने पैसे को वापस पाने की अर्जी दी है।
इन सभी 24 में से 11 कंपनियां एनसीएलटी के जरिये रिलायंस के साथ बातचीत कर रहीं है, वहीं अन्य 13 फ़र्म के साथ रिलायंस का मुद्दा अभी भी नहीं सुलझा है।
इन 24 कंपनियों में पेटीएम की पितृ कंपनी वन 97 कम्युनिकेशन, बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड समेत अन्य बड़ी कंपनियाँ शामिल हैं।
इन सभी कंपनियों के कुछ लाख से लेकर कुछ करोड़ रुपये तक रिलायंस में फसे हैं। वन 97 कम्युनिकेशन के 20 करोड़ व असेंड टेलीकॉम के 23 करोड़ समेत कुछ कंपनियों के लाखों रुपये फसे हुए हैं। बेंगलुरु एयरपोर्ट के 1 करोड़ व हंडिगो टेक्नालजी के आरकॉम पर 3 करोड़ रुपये फसे हैं।
इसी के साथ अभी पिछले सप्ताह ही सुप्रीम कोर्ट ने आर कॉम को 15 दिसंबर तक स्वीडिश कंपनी एरिक्सन का बकाया 550 करोड़ रुपये चुकाने के लिए कहा है।
जस्टिस रोहिन्तन नरीमन ने इस बाबत अपना फैसला सुनाते हुए आर कॉम को एरिक्सन का बकाया चुकाने के लिए 15 दिसंबर तक की मोहलत दी है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने एरिक्सन को कहा है कि यदि रिलायंस पेमेंट करने में असफल रहता है तो उसके खिलाफ कोर्ट के आदेश की अवमानना का मामला दर्ज़ किया जाएगा।
इसी महीने के पहले ही आरकॉम के मुखिया ने यह घोषणा की थी कि अब आरकॉम अपने टेलीकॉम व्यवसाय को बंद कर देगा। आर कॉम ने अपनी टेलीकॉम संबन्धित संपत्ति को मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो को बेचने का फैसला किया है।
इसी डील में शामिल स्पेक्ट्रम व अन्य कीमती टेलीकॉम मशीनों के एवज में मिलने वाली राशि से ही आर कॉम एरिक्सन कंपनी के 550 करोड़ रुपये की देनदारी से मुक्ति पाएगा।