नई दिल्ली, 31 मई (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को महाराष्ट्र में पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल और डेंटल कोर्स में प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने का समय बढ़ाकर 4 जून तक कर दिया है।
अदालत ने पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल और डेंटल कोर्स में ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर) वर्ग कोटे के 10 प्रतिशत के आदेश को लागू करने के तरीके को लेकर महाराष्ट्र सरकार को आड़े हाथों लिया।
इसने सरकार को छात्रों को दिए गए ईडब्ल्यूएस कोटे को हटाने के बाद स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए संशोधित मेरिट सूची तैयार करने का निर्देश दिया।
अदालत ने राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिया कि वह योग्यता सूची को संशोधित करने की दिशा में अपने अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई के साथ, राज्य सरकार ने कहा कि 2019-20 शैक्षणिक वर्ष के लिए ईडब्ल्यूएस कोटा लागू नहीं किया जा सकता है।
सर्वोच्च ने गुरुवार को स्नातकोत्तर मेडिकल पाठ्यक्रमों में शैक्षणिक वर्ष 2019-20 के लिए 10 प्रतिशत कोटा लागू करने के राज्य के फैसले पर रोक लगा दी।
शीर्ष अदालत ने कहा कि नवंबर 2018 में प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने के बाद राज्य इसे लागू नहीं कर सकता। शीर्ष अदालत के फैसले के कारण आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के कम से कम दो दर्जन उम्मीदवार प्रभावित होंगे।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, “हम इसे घोषित करने के लिए उचित मानते हैं कि महाराष्ट्र राज्य की अधिसूचना, 7 मार्चकी तारीख वाली, जहां तक पोस्ट-ग्रेजुएट मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश का संबंध है, इसमें चल रही चयन प्रक्रिया का कोई आवेदन नहीं होगा चयन की प्रक्रिया, ताकि स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आरक्षण के लाभ का लाभ उठाने के लिए ईडब्ल्यूएस के प्रतिनिधियों को सक्षम किया जा सके।”
अदालत ने कहा कि प्रवेश की प्रक्रिया शुरू करने के बाद चयन के तौर-तरीकों में बदलाव नहीं किया जा सकता था और महाराष्ट्र सरकार खेल के नियम को बदल खेल जारी रहने के दौरान नहीं सकती थी।