अजिंक्य रहाणे इस सीजन आईपीएल में कप्तानी के साथ-साथ बल्लेबाजी में भी संघर्ष कर रहे है और चीजे राजस्थान रॉयल्स की टीम के लिए इस सीजन बद से बदतर बनती जा रही है और मंगलवार को मोहाली में टीम को किंग्स इलेवन पंजाब से 12 रन से हार का सामना करना पड़ा है।
राजस्थान रॉयल्स अबतक खेले 8 मैचो में से केवल दो मैच जीत पाई है और टीम अंक तालिका में 7वें स्थान पर है और वह केवल रॉयल चैलेंजर्स की टीम से आगे है, उनके नाम इस सीजन में अबतक केवल एक जीत दर्ज है।
अजिंक्य रहाणे के बल्ले से खराब फॉर्म ने राजस्थान को इस सीजन में हार का सामना करने में मदद की है और उनके कप्तान ने अब तक खेले 8 मैचो में 25.12 की औसत से 201 रन बनाए है जिसमें केवल एक अर्धशतक शामिल है।
रहाणे अपने बेकार फॉर्म के चलते विश्वकप की टीम में जगह बनाने में नाकाम रहे। उन्होने पिछले साल फरवरी में भारत के लिए आखिरी एकदिवसीय मैच खेला था और विश्वकप की टीम में उनको जगह देने के लिए चर्चा भी एकदम से बंद हो गई।
टेस्ट क्रिकेट में भी भारतीय टीम के उपकप्तान पिछले दो साल से अपनी बल्लेबाजी से प्रभावित नही कर पाए है और उन्होने 2018 और 2019 में 24 और 37 की औसत से रन बनाए है।
भारत के पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर का मानना है कि रहाणे को उन गलतियों को स्वीकार करने की जरूरत है जो वह एक बल्लेबाज के रूप में कर रहे हैं और उसके बाद ही वह अपने खेल में सुधार करना शुरू कर सकते हैं।
मंगलवार को राजस्थान रॉयल्स को मिली हार के बाद संजय मांजरेकर ने ट्विट करते हुए लिखा, ” अजिंक्य रहाणे अपने बल्लेबाजी फॉर्म को लेकर इनकार में रह रहे हैं। एक बार जब वह स्वीकार कर लेते हैं कि उनकी बल्लेबाजी में कोई समस्या है, तभी मरम्मत का काम शुरू हो सकता है।”
Have felt this for a while now, Ajinkya Rahane is living in denial about his batting form. Once he accepts that there is a problem with his batting, then only can the repair work begin.#RRvKXIP
— Sanjay Manjrekar (@sanjaymanjrekar) April 16, 2019
इस सीजन में पहली बार, रहाणे ने राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ पिछले मैच में अपने बल्लेबाजी स्थान में बदलाव किया था और वह नंबर चार पर बल्लेबाजी करने आए थे लेकिन इस स्थान पर भी उनको रन बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ा और वह अपनी टीम को 182 रनो के लक्ष्य तक नही पहुंचा सके।
नंबर चार पर बल्लेबाजी करते हुए रहाणे 21 गेंदो में केवल 26 रन ही बना पाए और वह अपनी टीम को 20 ओवर में 170 के स्कोर तक ही पहुंचा सके।