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    नई दिल्ली, 27 अप्रैल| पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन ने शनिवार को भाजपा सरकार पर सरकारी कर्मचारियों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सातवें वेतन आयोग में सबसे खराब सिफारिशें की हैं।

    माकन ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “भाजपा सरकार अपने कर्मचारी विरोधी रुख के लिए जानी जाती है।”

    उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि यदि कांग्रेस पार्टी सत्ता में आती है तो सरकारी कर्मचारियों की आवाज सुनी जाएगी और 22 लाख खाली पदों को भरा जाएगा और ठेके के कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा।

    कांग्रेस नेता ने कहा, “वर्ष 2003 में जब राजग सत्ता में था, उन्होंने छठे वेतन आयोग के लिए समिति गठित करने की अनुमति नहीं दी। और 2014 में सत्ता में आने के बाद उन्होंने सातवें वेतन आयोग की सबसे खराब सिफारिशें की।”

    नई दिल्ली लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार माकन ने कहा कि इस क्षेत्र में लगभग 35 प्रतिशत सरकारी कर्मचारी हैं और वे इस मुद्दे को उठा रहे हैं।

    उन्होंने कहा, “हमारे समय में सरकारी कर्मचारियों को लगभग 40 प्रतिशत वेतनवृद्धि मिलती थी, जबकि सातवें वेतन आयोग की सिफारिश में भाजपा सरकार ने मात्र 14.29 प्रतिशत वेतनवृद्धि दी है।”

    उन्होंने कहा कि सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के कई भत्ते भी घटा दिए हैं।

    माकन ने कहा, “सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के कारण निचले पदों और ऊंचे पदों के बीच वेतन समानता काफी बढ़ गई है।”

    माकन ने कहा कि सरकार ने सातवें वेतन आयोग की यह सिफारिश भी स्वीकार कर ली है कि अब कोई आठवां वेतन आयोग नहीं होगा। यह बहुत ही निराशाजनक है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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