मध्य प्रदेश में कांग्रेस की नई सरकार ने मंत्रिमंडल का गठन किया लेकिन बहुजन समाज पार्टी के 2 और समाजवादी पार्टी के 1 विधायक के सहयोग से बहुमत का आंकड़ा पार करने में सफलता हासिल करने के बावजूद उनके विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस पर तंज कसते हुए कहा “हम कांग्रेस का शुक्रिया अदा करते हैं कि उन्होंने हमारे विधायक को मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी। उन्होंने हवा बिलकुल साफ़ कर दी और हमारे लिए रास्ते को आसान कर दिया।”
अखिलेश के इस बायान से मतलब निकाला जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में 2019 लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस मुक्त महागठबंधन का रास्ता अब साफ़ हो चूका है। मध्य प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी पहले ही सभी 29 लोकसभा सीटों पर अकेले लड़ने की घोषणा कर चुकी है और अब अखिलेश यादव ने अपने बयानों से ये इशारा कर दिया कि उत्तर प्रदेश में बसपा+सपा+रालोद गठबंधन में कांग्रेस के लिए दरवाजे बंद हो चुके हैं।
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दूसरी तरफ तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव बुधवार को दिल्ली में थे, जहाँ उनका मायावती और अखेलेश यादव से मिलने का कार्यक्रम था। हालाँकि उनकी मुलाक़ात दोनों नेताओं से नहीं हो सकी लेकिन अखिलेश यादव ने ये कहा कर कांग्रेस को झटका दे दिया कि वो केसीआर के क्षेत्रीय दलों का मोर्चा बनाने की कोशिशों का समर्थन करते हैं।
अखिलेश ने कहा “मैंने मंगलवार या बुधवार को उनसे मिलने का कार्यक्रम बनाया था लेकिन ऐसा हो नहीं सका। मैं उनसे खुद मिलने हैदराबाद जाऊँगा। वो गैर भाजपा और गैर कांग्रेस मोर्चे के लिए क्षेत्रीय दलों का सहयोग जुटा रहे हैं और उनका प्रयास सराहनीय है। देश को इसकी जरूरत है।
मायावती ने हालाँकि मध्य प्रदेश सरकार में अपने विधायकों को मंत्री नहीं बनाने पर कोई टिप्पणी नहीं की लेकिन मध्य प्रदेश में अकेले 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर उन्होंने भी कांग्रेस को इशारा दे दिया है कि 2019 में कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावना नगण्य है।
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