गुरुवार को गुजरात के गांधीनगर स्थित बोचासनवासी श्री अक्षरपुरुषोत्तम स्वामीनाराण संस्था के अक्षरधाम मंदिर के रजत जयंती समारोह में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने शिरकत की। जिसमें उन्होंने प्रत्यक्ष न कहकर परोक्ष रूप से पटेल समुदाय से बीजेपी का रिश्ता जोड़ा।
दरअसल, मोदी साहब अक्षरधाम मंदिर में आयोजित रजत जयंती समारोह का हिस्सा बनने गाँधीनगर पहॅचे, लेकिन यह राजनीतिक समारोह न होने के बावजूद वे पटेल आंदोलन का जिक्र कर बैठे। गांधीनगर के स्वामीनारायण संप्रदाय के अक्षरधाम मंदिर से काफी बड़ी तादाद में पाटीदार जुड़े हुए हैं।
यदि कुछ समय पहले तक देखा जाए तो पाटीदार समुदाय बीजेपी का गुजरात में बहुत बड़ा समर्थक माना जाता था, परन्तु 2015 में हार्दिक पटेल द्वारा चलाये गए पाटीदार आंदोलन के बाद पटेल समाज लगभग बीजेपी से दूर हो गया। इसलिए शायद अब प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात का सारा भार खुद के कंधे पर लेते हुए पटेल समाज को फिर से बीजेपी के करीब लाने की जिम्मेदारी ले ली है।
प्रधानमंत्री ने सबको सम्बोधित करते हुए कहा कि “स्वामीनारायण सम्प्रदाय में पटेल समुदाय के सदस्यों की काफी संख्या है, पटेल समुदाय पारंपरिक रूप से भाजपा के साथ रहे हैं लेकिन आरक्षण के लिए हाल के आंदोलन के चलते समुदाय का एक वर्ग पार्टी के खिलाफ हो गया है”।
मोदी जी का प्रयास करना भी आवश्यक है क्योंकि गुजरात में 15 फीसदी पाटीदार है औऱ इसमें 60% लेउवा (पटेल) है और 40% कड़वा (पटेल) है। गुजरात में किसी भी पार्टी को सत्ता में आने के लिए पटेल समुदाय का समर्थन आयश्यक है।