अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध का असर अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार पर अब साफ देखने को मिल रहा है। सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में तेल के दामों में और उछाल देखने को मिली।
इसी के साथ कच्चे तेल के दामों में 0.76% की बढ़ोतरी के साथ ही वे 83.37 डॉलर प्रति बैरेल की दर पर पहुँच गए हैं। अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में तेल की ये कीमतें पिछले 4 सालों के अपने उच्चतम स्टार पर हैं।
अमेरिका ने सभी देशों को ईरान से तेल खरीद की मात्रा को शून्य करने के लिए नवंबर तक का अल्टिमेटम दिया है, जिसके बाद लगभग सभी देशों ने अमेरिका की बात को मान लिया है।
अमेरिका ने इन देशों पर दबाव बनाते हुए कहा था कि अगर उसकी बात न मानी गयी तो इसके अंजाम भी भुगतने होंगे। इस बात को स्पष्ट करते हुए अमेरिका ने बताया था कि उसकी बात न मानने वाले देशों को वैश्विक बैंकिंग सिस्टम से अलग कर दिया जाएगा।
वही भारत ने अमेरिका की इस बात को मान लिया है और अब भारत नवंबर तक ईरान से मिलने वाले कच्चे तेल की मात्रा को घटा कर शून्य कर देगा। फिलहाल ईरान भारत के लिए तीसरा सबसे बड़ा तेल निर्यातक देश है।
हालाँकि चीन को अमेरिका कि किसी धमकी से फर्क नहीं पड़ा है।