भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान की जेल में कैद कुलभूषण जाधव के केस की सुनवारी अंतर्राष्ट्रीय अदालत के समक्ष सोमावर से शुरू होगी। अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक अदालत संयुक्त राष्ट्र की एक संस्था है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने इस पर अधिक जानकारी मुहैया करने से इंकार कर दिया था।
उन्होंने कहा कि “अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक अदालत में कुलभूषण जाधव के केस की मौखिक सुनवाई 18 फरवरी से शुरू होगी। भारत इस मामले को अदालत के समक्ष प्रस्तुत करेगा। यह न्यायिक तंत्र का मामला है, और मुझे यह इजाजत नहीं है कि मैं अपनी या देश की राय सार्वजानिक स्तर पर साझा करूँ। हमें जो करना है, हम अदालत में करेंगे।”
ईरान से गिरफ्तारी
आईसीजे के वेबसाइट के मुताबिक “जाधव केस की सार्वजानिक सुनवाई सोमवार से गुरूवार तक की जाएगी।” कुलभूषण जाधव एक पूर्व नौसैन्य अधिकारी है जिसे पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ने ने ईरान से अगवा कर लिया था।भारत के मुताबिक जाधव को ईरान से अगवा किया गया था, जहां वह नौसेना से रिटायर होने के बाद कारोबार के लिए गए थे और उनका सरकार को कोई लेना देना नहीं है। भारत ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि वह राजनयिक पंहुच देने से इनकार कर रहा है, जो सरासर विएना संधि का उल्लंघन है।
भारत ने 8 मार्च 2017 को पाकिस्तान के खिलाफ वैश्विक अदालत में अर्जी दी थी। भरता ने कहा कि पाकिस्तान में साल 1963 में हुई विएना संधि का उल्लंघन किया है और इसके बाद वैश्विक अदालत ने जाधव की मृत्यु दंड की सज़ा पर कार्रवाई पूरी होने तक रोक लगा दी थी।
जाधव के खिलाफ पर्याप्त सबूत मौजूद
पाकिस्तानी खबर के मुताबिक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी ने कहा कि पाकिस्तान के पास जाधव के खिलाफ जासूसी करने के सभी सबूत मौजूद है। साथ ही जाधव ने भी ऐसी गतिविधियों में शामिल होने की बात कबूल कर ली है। भारत ने कई मौकों पर कहा है कि पाकिस्तान में सैन्य अदालत में जाधव की सुनवाई एक ढकोसला था।