भारत ने हाल ही में ए-सैट मिसाइल के लांच की घोषणा की थी। रूस ने भारत से रूस-चीन संधि पर आधारित कानूनी बहुपक्ष में प्रवेश करने का आग्रह किया है ताकि अंतरिक्ष को शांतिपूर्ण रखा जा सके। यह अंतरिक्ष में हथियारो की तैनाती का बचाव करने वाले राष्ट्रों का समूह है।
रूस ने बयान जारी कर कहा कि “27 मार्च को भारत द्वारा एंटी मिसाइल हथियार के सफल परिक्षण की रिपोर्ट पर हमने गौर किया था। जिसमे भारत के एक अंतरिक्षयान पर धरती की सबसे नीचे वाले ऑर्बिट में राखी बैलिस्टिक मिसाइल ने निशाना साधा था।”
रूस ने अंतरिक्ष में हथियारों की होड़ के लिए अमेरिका की आलोचना की और कहा यक़ीनन हथियारों की दौड़ में पीछे रहने का नतीजा भारत का यह परिक्षण है।
रूस ने अमेरिकी को निरंतर चेताते हुए कहा कि अमेरिका की विध्वंशक कार्रवाई के कारण ही अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा और राननीतिक स्थिरता का पूरा ढांचा बिगड़ गया है। अमेरिका की एंटी मिसाइल सुरक्षा प्रणाली में अनियमित विकास के कारण अन्य देश असुरक्षित महसूस करते है और राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र को मज़बूत करने के लिए समान क्षमता के सुधार में जुट जाते हैं।”
रूस ने अमेरिका से उत्तरदायी स्थिति अपनाने का आग्रह किया है। होश में आये और पागलपन को छोड़ दे और सबसे महत्वपूर्ण, सार्वभौमिक सैन्य प्रभुत्व के विचार को त्याग दे।
उन्होंने कहा कि “विश्व के कई भागो से हथियार की दौड़ को रोकने की सम्भावना अभी भी मुमकिन है। इसके लिए सभी जिम्मेदार राष्ट्रों को अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा और स्थिरता के पर्याप्त स्तर को बरकरार रखना महत्वपूर्ण है।”