नूर-सुल्तान (कजाकिस्तान), 6 जुलाई (आईएएनएस)| नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री मैरी एलेन वेबर ने यहां कहा कि अंतरिक्ष पर्यटन से पर्यावरण को खतरा नहीं है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अमेरिकी स्पेस एजेंसी पहले से ही पर्यावरण के अनुकूल प्रणोदन प्रणाली पर काम कर रही है।
उन्होंने शुक्रवार को कजाकिस्तान की राजधानी नूर-सुल्तान में अमेरिकी दूतावास में मीडिया को बताया, “कई सारी चीजें पर्यावरण को प्रभावित करती है और मुझे नहीं लगता कि हम हर साल इतनी अधिक अंतरिक्ष पर्यटन उड़ानें भर रहे हैं कि इसका पर्यावरण पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ेगा।”
उन्होंने आगे यह भी कहा कि नासा ईंधन विकसित करने पर काम कर रही है जो पर्यावरण करने के लिए कम हानिकारक होगा। इसके साथ ही मैरी ने यह भी बताया कि नासा इसे सुरक्षा प्रदान करने के लिए काफी ज्यादा पैसे खर्च कर रही है।
एफे न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2001 से 2009 के बीच कुल सात यात्रियों ने अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन की यात्रा की। इनमें से पहले थे अमेरिकी बिजनेसमैन डेनिस टीटो जिन्होंने इसके लिए दो करोड़ डॉलर का भुगतान किया। साल 2009 में कनाडाई व्यापारी गी लेलीबेर्टे ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की यात्रा की।
दोनों ने ही अमेरिका में स्थित एक फर्म स्पेस एडवेंचर्स लिमिटेड के माध्यम से अपनी इस यात्रा की बुकिंग की।
नासा के अंतरिक्ष शटल की सेवानिवृत्ति के बाद रूस का सोयुज पृथ्वी और कक्षीय मंच के बीच एकमात्र लिंक बन गया जिसके बाद रूस और अमेरिका ने साल 2011 में स्पेस टूरिज्म को स्थगित करने का फैसला लिया।
इसके पीछे एक और वजह थी और वह ये कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के क्रू सदस्यों की संख्या तीन से बढ़कर छह हो गई जिससे सोयुज में कमरों की कमी हो गई।
हाल ही में रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोसमोस और स्पेस एडवेंचर्स ने साल 2021 के अंत तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए छोटी उड़ानों के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।
रूस ने स्पेस टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए एक अन्य परियोजना की भी घोषणा की। इसमें बहादुर यात्रियों को इस बात का ऑफर दिया गया कि वह भी 12 अप्रैल साल 1961 में यूरी गैगरीन की तरह 108 मिनट के फ्लाइट से पृथ्वी का चक्कर लगाए।
वेबर ने साल 2002 में नासा छोड़ा, उन्होंने कहा कि स्पेस में उड़ान भरना “एक बहुत ही मुश्किल काम है और यह काफी खतरनाक भी है।”
वेबर ने यह भी कहा, “हर अंतरिक्ष यात्री को घर वापस न लौटने के लिए तैयारी रहना चाहिए।”