Sat. Nov 23rd, 2024
    Ankiv-Baisoya

    दिल्ली विश्वविद्यालय ने एबीवीपी के अंकिव बैसोया द्वारा प्रस्तुत कथित फ़र्ज़ी डिग्री मामले में सोमवार को पुलिस में शिकायत दायर कराया है। विश्वविद्यालय द्वारा प्रवेश रद्द करने के बाद अंकिव ने दिल्ली विश्विद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया था।

    विश्वविद्यालय के 95 वें दीक्षांत समारोह में बोलते हुए डीयू के कुलपति योगेश त्यागी ने कहा था कि विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर शून्य सहनशीलता (जीरो टॉलरेंस) की नीति है।

    उन्होंने कहा कि ‘हम  शीर्ष पर मौजूद लोगों के प्रयासों से प्रवेश की प्रक्रिया को पारदर्शी बना पाए हैं। हालांकि कदाचार के कुछ मामले हमारी सूचना में आये है, हमारे पास जवाबदेही की प्रक्रिया है और एक मजबूत संकल्प है कि हम सुधारात्मक उपाय करें। हम प्रवेश प्रक्रिया में किसी भी अपराधी प्रवृति को बाधा नहीं डालने देंगे।

    एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, सोमवार को विश्वविद्यालय प्राधिकारी से एक शिकायत प्राप्त हुई और जल्द ही प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है।

    बौद्ध अध्ययन विभाग के प्रमुख केटीएस साराओ द्वारा दायर की गई शिकायत के अनुसार, बैसोया मास्टर कोर्स में प्रवेश के लिए विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर प्रवेश परीक्षा में उपस्थित हुआ था। उन्होंने बताया कि ‘इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद, बैसोया ने एमए बौद्ध स्टडीज, भाग 1 में प्रवेश लिया, और थिरुवल्लुवार विश्वविद्यालय से कला स्नातक के 6 सेमेस्टर के 6 मार्कशीट प्रस्तुत किए। एमए (बौद्ध अध्ययन) में प्रवेश के लिए मूल योग्यता किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री है।’

    इन मार्कशीट के सत्यापन के लिए अनुरोध करने पर तिरुवल्लुवार विश्वविद्यालय की परीक्षाओं के नियंत्रक ने लिखा है कि बैसोया द्वारा प्रस्तुत प्रत्येक मार्कशीट नकली है।

    बैसोया ने इस वर्ष सितम्बर में दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ के अध्यक्ष पद का चुनाव जीता था। मामला सामने आने के बाद एवीबीपी के कहने पर बैसोया ने अपना इस्तीफ़ा दे दिया था।

    एवीबीपी ने कहा कि विश्विद्यालय की विश्वसनीयता बनाये रखने के लिए बैसोया को इस्तीफ़ा देने को कहा गया है।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *