सिंगापुर के कानून निर्माता जल्द ही सोशल मीडिया पर फ़ेक न्यूज़ और विज्ञापन को नियंत्रित करने के लिए जल्द ही कड़ा कानून लाने जा रहा है।
सिंगापुर द्वारा इस कड़े कानून लाये जाने के बाद उसे मिलने वाले राजस्व में कमी आ सकती है, लेकिन फिलहाल वहाँ की सरकार राजस्व के बारे में नहीं सोच रही है।
भारत की भी नज़रें फिलहाल सिंगापुर के कानून पर टिकी हुई हैं। ऐसा माना जा रहा है कि भारत भी जल्द ही फ़ेक न्यूज़ को लेकर ऐसी ही पहल कर सकता है।
फिलहाल सिंगापुर में एक संसंदीय कमेटी बनाई गयी है, जिसका काम ऐसे श्रोतों का पता लगाना है और उन्हे कानून के माध्यम से रोकना है जिनके द्वारा फ़ेक न्यूज़ लगातार फैलाई जा रही है।
माना जा रहा है कि सिंगापुर के कानून निर्माता एक बेहद कड़ा कानून लाने की तैयारी में हैं, जिसके बाद फ़ेक न्यूज़ की घटनाओं में तेज़ी से कमी आएगी।
सिंगापुर सरकार का कहना है कि “तकनीकी कंपनियों की ये ज़िम्मेदारी है कि वे साफ और सुरक्षित इंटरनेट पर अपना ध्यान केन्द्रित करें, जिससे समाज़ पर किसी भी तरह कोई बुरा असर न पड़े।”
सिंगापुर का ये कानून अमेरिकी कंपनियों खास कर फेसबुक के लिए चिंता का सबब बन सकता है।
फ़ेक न्यूज़ पर क्या है भारत की स्थिति?
फ़ेक न्यूज़ के मामले में भारत में हर दिन कोई न कोई ऐसी खबर आती रहती है जिसमें इसकी वजह से लोग हिंसा का शिकार हो जाते हैं। सरकार इसे लेकर अपनी पहले स्थिति स्पष्ट कर चुकी है।
अभी हाल ही में देश में फ़ेक न्यूज़ फैलने का सबसे बड़ा माध्यम बन चुके व्हाट्सएप्प को सरकार ने यह आदेश दिया गया था कि वो भारत में फ़ेक न्यूज़ जैसी शिकायतों के निपटारे के लिए शिकायत अधिकारियों की नियुक्ति करे। जिसके बाद व्हाट्सएप्प ने देश भर के लिए महज 1 शिकायत अधिकारी नियुक्त किया था।
सिंगापुर के कानून की स्थिति को देखते के बाद भारत भी जल्द ही अपने देश के लिए ऐसे ही किसी कानून की नींव रख सकता है।