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हमें कृषि में नई प्रणालियां बनानी होंगी, खुले दिमाग से वैज्ञानिक और तकनीकी तरीकों को अपनाना होगा: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में पीएम किसान सम्मान सम्मेलन 2022 का उद्घाटन किया। उन्होंने रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत 600 प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों (पीएमकेएसके) का भी उद्घाटन, प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना- एक राष्ट्र एक उर्वरक भी लॉन्च व प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 12वीं किस्त की राशि भी जारी की।

प्रधानमंत्री ने एक परिसर में जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान की उपस्थिति को स्वीकार करते हुए शुरुआत की और कहा कि हम आज यहां इस मंत्र का जीवंत रूप देख सकते हैं। उन्होंने आगे विस्तार से बताया कि किसान सम्मेलन किसानों के जीवन को आसान बनाने, उनकी क्षमता को बढ़ाने और उन्नत कृषि तकनीकों को बढ़ावा देने का एक साधन है। पीएम-किसान की नई किस्त के संबंध में प्रधानमंत्री ने कहा कि बिना किसी बिचौलिए को शामिल किए पैसा सीधे किसानों के खातों में पहुंचता है।

“पीएम किसान सम्मान निधि के रूप में करोड़ों किसान परिवारों को 16,000 करोड़ रुपये की एक और किस्त भी जारी की गई है”, मोदी ने कहा और खुशी व्यक्त की कि यह किस्त दिवाली से ठीक पहले किसानों तक पहुंच रही है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आज प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना- एक राष्ट्र एक उर्वरक भी शुरू किया गया है जो कि किसानों को भारत ब्रांड का वहनीय गुणवत्तायुक्त उर्वरक सुनिश्चित करने की एक योजना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने यूरिया पर 100% नीम का लेप लगाकर उसकी कालाबाजारी से निबटा है। उन्होंने कहा, “हमने देश की 6 सबसे बड़ी यूरिया फैक्ट्रियों को फिर से शुरू करने के लिए कड़ी मेहनत की, जो सालों से बंद थीं।” मेहनती किसानों को अत्यधिक लाभान्वित करने वाले कदमों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा, “नैनो यूरिया कम लागत में अधिक उत्पादन का माध्यम है।” इसके फायदे बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यूरिया से भरी एक बोरी को अब नैनो यूरिया की एक बोतल से बदला जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि यूरिया की परिवहन लागत में काफी कमी आएगी।

प्रधानमंत्री ने भारत के उर्वरक सुधार की कहानी में दो नए उपायों का जिक्र किया। सबसे पहले देश भर में 3.25 लाख से अधिक उर्वरक दुकानों को प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों के रूप में विकसित करने के लिए आज एक अभियान शुरू किया जा रहा है। ये ऐसे केंद्र होंगे जहां किसान न केवल उर्वरक और बीज खरीद सकते हैं बल्कि मिट्टी परीक्षण भी लागू कर सकते हैं और कृषि तकनीकों के बारे में उपयोगी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

दूसरे, वन नेशन, वन फर्टिलाइजर से किसान को खाद की गुणवत्ता और उसकी उपलब्धता को लेकर हर तरह के भ्रम से मुक्ति मिलने वाली है। “अब देश में बिकने वाला यूरिया एक ही नाम, एक ही ब्रांड और एक ही गुणवत्ता का होगा और यह ब्रांड भारत है! अब यूरिया पूरे देश में केवल ‘भारत’ ब्रांड नाम के तहत उपलब्ध होगा”, मोदी ने कहा।

प्रौद्योगिकी आधारित आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने की समय की आवश्यकता पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें कृषि में नई प्रणालियां बनानी होंगी, खुले दिमाग से अधिक वैज्ञानिक और तकनीकी तरीकों को अपनाना होगा।

प्रधानमंत्री ने वैश्विक स्तर पर बाजरा के बारे में बढ़ती जिज्ञासा पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “आज हमारे यहां पारंपरिक मोटे अनाज-बाजरा के बीजों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए देश में कई हब बनाए जा रहे हैं।” पूरे विश्व में भारत के मोटे अनाज को प्रोत्साहित करने के सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि अगले वर्ष को मोटे अनाज का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष घोषित किया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम पूरे देश में काफी जागरूकता का अनुभव कर रहे हैं। प्राकृतिक खेती के लिए किसान गुजरात, हिमाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश के साथ-साथ यूपी, उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर काम कर रहे हैं। गुजरात में इसके लिए जिला और ग्राम पंचायत स्तर पर भी योजना बनाई जा रही है।

मोदी ने कहा, देश में कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप की बढ़ती संख्या पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह इस क्षेत्र और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत है। “स्टार्टअप और अभिनव युवा भारतीय कृषि और भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का भविष्य हैं। लागत से लेकर परिवहन तक, हमारे स्टार्टअप के पास हर समस्या का समाधान है”।

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