पाकिस्तान को आर्थिक संकट से उभारने के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान ने कई पैंतरों को आजमाया है और इस वक्त वह इसी जोड़-तोड़ में लगे हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने आवाम से कहा कि “मुल्क पर जब कर्ज का बोझ नहीं होगा तब वह आवाम को मुफ्त में हज की यात्रा पर भेजेंगे।”
मुफ्त में भेजेंगे हज
हाल ही में पाकिस्तान की सरकार ने हज की यात्रा से सब्सिडी को ख़त्म करने का प्रस्ताव पेश किया था।
डॉन के मुताबिक इमरान खान ने पूर्ववर्ती सरकार को कोसते हुए कहा कि “अगर आप ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में मुल्क नहीं छोड़ेंगे, हम पर भारी कर्ज का बोझ नहीं लदा होगा, तब हम श्रद्धालुओं को मुफ्त में हज की यात्रा पर भेजेंगे।”
उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार पर कर्ज को विरासत में देने का आरोप लगाया। इमरान खान ने कहा कि “उनकी सरकार आवाम की जरूरतों के प्रति संवेदनशील है। हम पाकिस्तान को मौजूदा आर्थिक संकट से उभारने के लिए प्रतिबद्ध है।” इमरान खान की पार्टी ने बीते अगस्त में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद को जीता था और जनता से भ्रष्टाचार से लड़ने और गरीबी को खत्म करने का वादा किया था।
आर्थिक विपदा से निपटान की कोशिश
पाकिस्तान अभी अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से बैलआउट पैकेज को लेकर बातचीत कर रहा है। साथ ही चीन और सऊदी एरान भी पाकिस्तान की मदद को तत्पर दिखाई दे रहे हैं। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस आगामी हफ्ते में पाकिस्तान के दौरे पर आएंगे और इस दौरान वह 10 अरब डॉलर के निवेश का ऐलान कर सकते हैं।
पाकिस्तान की इमरान खान सरकार हज सब्सिडी को खत्म करने पर उतारू है और इसके खिलाफ सदन के अंदर और बाहर काफी विरोध प्रदर्शन हो रहा है। विपक्षी दल जमात ए इस्लामी ने इमरान खान सरकार की हज नीति को लेकर न निराशा जताई है। उन्होंने प्रधानमंत्री को याद दिलाया कि देश को मदीना में तब्दील करने का वादा किया था। ट्रिब्यून के मुताबिक गुरुवार को संसद में हज नीति 2019 का ऐलान किया गया, जिसके तहत हज यात्रियों को अब 456426 रुपये अदा करने होंगे जबकि पिछले साल एक व्यक्ति को 280000 रुपये अदा करने पड़ते थे।