पाकिस्तान के बालाकोट में जैश ए मोहममद द्वारा संचालित मदरसा रायटर्स द्वारा जारी सेटेलाइट की हाई रेसोलुशन इमेज में सही सलामत दिखाई दिया है। हाल ही में भारत ने जैश के मदरसे पर हवाई हमला करने की जानकारी दी थी। इस हमले में मदरसे को ध्वस्त करने और सैकड़ों चरमपंथियों को मार गिराने का भारत सरकार ने दावा किया था।
सेन फ्रांसिस्को में निजी सेटेलाइट संचालक कंपनी के प्लेनेट लैब्स ने यह तस्वीर जारी की थी। इस तस्वीर के मुताबिक हवाई हमले के छह दिनों बाद भी मदरसे की छह इमारते वही खड़ी है। अभी तक कोई हाई रेसोलुशन तस्वीर जारी नहीं की गयी थी।
इस तस्वीर में ईमारत की छतों पर कोई छेद नहीं दिखाई पड़ते हैं, न खरोच के, न दीवार गिरने के निशान है, न मदरसे के आस पास दरख्तों के विस्थापित होने और अन्य सबूत हैं। इस तस्वीर से भारत सरकार के दावे पर प्रश्नचिन्ह उठता है। भारत सरकार ने कहा था कि “उन्होंने बालाकोट में आतंकियों के प्रशिक्षण ठिकानो को निशाना बनाया था और उसमे कई आतंकियों की मौत हुई थी।
भारत सरकार ने अभी तक सार्वजनिक नहीं किया है कि आतंकी शिविरों को तबाह करने के लिए कौन से हथियार का इस्तेमाल किया गया था। एक वरिष्ठ रिसर्च एसोसिएट लेविस एंड डेव सचमेरलेर ने कहा कि “घातक हथियारों का इस्तेमाल करने से ढांचों में क्षति तस्वीर में दिखाई देती। अगर हमला सफल रहा, तो इमारत पर क्षति के निशान दिखाई देते, जो मुझे तस्वीर में नहीं दिखाई दे रहे हैं।”
पाकिस्तान ने भी भारत के दावे को खारिज करते हुए कहा था कि “पाकिस्तानी विमानों के दबाव में भारतीय जेट का अभियान असफल रहा, उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों में अधिकतर बम विस्फोट किये थे।”
पाकिस्तान के बालाकोट में रायटर्स के रिपोर्टर्स में दो बार स्थानीय लोगों से बातचीत की और शिविर में क्षति या किसी की मौत होने का कोई सबूत नहीं मिला था। गांववालों के मुताबिक बड़ा धमाका हुआ था लेकिन अधिक बम दरख्तों पर जा गिरे थे।
विपक्षी पार्टी ने भारत सरकार से एयरस्ट्राइक के सबूत की मांग की है। आलोचकों के मुताबिक आगामी चुनाव के कारण नरेंद्र मोदी ने इस हवाई हमले को करवाया था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने सबूतों की मांग की और कहा कि “हम सटीक आंकड़े जानना चाहते कि कितने लोगों को हमले में मारा गया है।”