पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भेजे गए पत्र में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच एक बैठक कराए जाने की बात कही गयी थी। गुरुवार को विदेश मंत्रालय द्वारा यह स्पष्ट किया गया हैं, की संयुक्तराष्ट्र आमसभा में हिस्सा लेने जब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज न्यूयॉर्क जाएंगी, उनके न्यूयॉर्क दौरे में उनके और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के बीच मुलाकात होगी।
2016 में पठानकोट एयर फ़ोर्स बेस पर हुए आतंकी हमले के बाद, पाकिस्तान के साथ सभी प्रकार की वार्ताओं को सरकार की ओर से रोक दिया गया था। उस घटना के बाद बातचीत की पहल पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से की गयी हैं। लेकिन इस विदेश मंत्री स्तरीय वार्ता के बाद भी आतंकवाद को लेकर भारतीय रुख में कोई भी बदलाव नहीं होगा, यह विदेश मंत्रालय की ओर से स्पष्ट किया जा चूका हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रविश कुमार ने कहा, “पाकिस्तान सरकार की ओर से विदेश मंत्री और पाकिस्तानी समकक्ष के बीच संयुक्तराष्ट्र आमसभा के दौरान मीटिंग के प्रस्ताव को भारत की ओर में स्वीकार कर लिया गया हैं। मीटिंग का समय और तारीख दोनों देशों के प्रतिनिधि तय करेंगे।”
“यह सिर्फ एक मुलाकात हैं, उनकी ओर से मुलाकात के लिए प्रस्ताव दिया गया था, जिसे हमने स्वीकार किया हैं। इसलिए इस मुलाकात के संदर्भ में ज्यादा चर्चा न हो तो बेहतर हैं।”
“आपको मुलाक़ात और द्वीपक्षीय वार्ता में अंतर को समझना जरुरी हैं। जहा तक सवाल आंतकवाद का हैं, उस विषय में भारतीय रुख में कोई भी बदलाव नहीं होगा।”
सुषमा स्वराज, संयुक्तराष्ट्र आमसभा में हिस्सा लेने 24 सितम्बर को न्यूयॉर्क के लिए रवाना होंगी। विदेश मंत्री स्वराज और पाकिस्तानी समकक्ष कुरैशी अपने देशों के प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व करेंगे। दोनों नेता सार्क 27 सितम्बर को देशों के विदेश मंत्री स्तरीय बैठक में हिस्सा लेंगे। दोनों नेताओं के बीच उसी दिन मुलाक़ात होने की आशंका सबसे अधिक हैं।