सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र सरकार को जतका देते हुए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने को गलत बताया और अपने पद पर बने रहने का निर्देश दिया, साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि वर्मा अपने बाकी बचे कार्यकाल में कोई नीतिगत फैसला नहीं ले पायेंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लापलते हुए इसे राफेल डील से जोड़ दिया और आरोप लगाया कि अब राफेल जांच में नरेंद्र मोदी भाग नहीं सकते क्योंकि आलोक वर्मा राफेल डील की जांच करने वाले थे।
शीर्ष अदालत ने आज 23 अक्टूबर को सरकार के मध्यरात्रि के आदेश को गलत बताया, जिसमें श्री वर्मा को उनकी शक्तियों का बंटवारा करने, उन्हें और उनके डिप्टी राकेश अस्थाना को अनिवार्य अवकाश पर भेजने और अंतरिम प्रमुख नियुक्त करने का आदेश दिया। अदालत ने श्री वर्मा को कोई भी बड़ा नीतिगत निर्णय लेने से रोकते हुए कहा कि उनके ऊपर कोई भी निर्णय एक उच्चस्तरीय चयन समिति द्वारा लिया जाएगा जिसमें प्रधान मंत्री, सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश शामिल होंगे।
राहुल गाँधी ने कहा कि आलोक वर्मा राफेल डील की जांच करने वाले थे इसलिए उन्हें रात के 1 बजे अपने पद से हटा दिया गया। राहुल ने ये भी कहा कि कोर्ट से आधी जीत मिल चुकी है, राहेल मामले में प्रधानमंत्री के दोषी साबित हो जाने के बाद पूरी जीत हो जायेगी।
कांग्रेस प्रमुख ने कहा, “राफेल की जांच से बचने के लिए अब प्रधानमंत्री के पास कोई रास्ता नहीं है। ये एक ओपन और शट केस है।”
कांग्रेस लगातार ये आरोप लगा रही है कि प्रधानमंत्री ने राफेल डील में अनिल अम्बानी को फायदा पहुँचाने के लिए नियमों की अनदेखी की है और एचएएल के बदले कर्ज में डूबे अम्नाबी की नयी कंपनी को राफेल बनाने का कॉन्ट्रैक्ट दे दिया जिसे हवाई जहाज बनाने का कोई अनुभव नहीं है।