हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुडा और वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोती लाल वोरा को गुरुवार को सीबीआई कोर्ट ने 2005 में पंचकुला में असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को गलत तरीके से जमीन आवंटित करने के मामले में जमानत दे दी है। उनके वकील अभिषेक राणा ने बताया कि न्यायाधीश जगदीप सिंह ने दोनों को 5 -5 लाख रुपये के बेल बांड पर जमानत दे दी गई।
अदालत ने उन्हें उनके खिलाफ दायर चार्जशीट की प्रतियाँ सौंपते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 6 फ़रवरी की तारीख दी है।
क्या है मामला?
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुडा पर आरोप है कि उन्होंने असोसिएटेड जर्नलस लिमिटेड (एजेएल) को 2005 में पंचकुला में जमीन अलॉट की थी। असोसिएटेड जर्नलस लिमिटेड (एजेएल) को ये जमीन अपने अखबार नेशनल हेराल्ड के लिए चाहिए थी। हालाँकि असोसिएटेड जर्नलस लिमिटेड (एजेएल) को ये जमीन 1982 में ही आवंटित कर दी गई थी, इस शर्त के साथ कि असोसिएटेड जर्नलस लिमिटेड (एजेएल) को ६ महीने के अन्दर जमीन पर निर्माण कार्य शुरू करना पड़ेगा अन्यथा ये जमीन उससे ले ली जायेगी। ऐसा नहीं हुआ और ये जमीन एजेएल से 1992 में वापस ले ली गई। साथ ही 10 फीसदी की रकम काट कर 1995 में बाकी रकम लौटा दी गई।
एजेएल ने इसका विरोध किया और उसने राजस्व विभाग के पास दुबारा अपील की लेकिन राजस्व विभाग ने उसे कोई राहत नहीं दी। लेकिन 2005 में हरियाणा के मुख्यमंत्री रहते भूपेंदर सिंह हुडा ने ये जमीन एजेएल को आवंटित कर दी और 1982 के रेट पर ही जमीन आवंटित की गई।
2014 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद भाजपा सरकार ने ये मामला सीबीआई को सौंप दिया गया।