पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि उनकी सरकार बलूचिस्तान की चीन पाक आर्थिक गलियारे के विषय मे आशंकाओं को समाप्त करने पर ध्यान दे रही है। पाकिस्तान ने चीन के साथ समझौते में बलूचिस्तान प्रान्त की हिस्से को देने का वायदा किया है।
जाहिर है बलूचिस्तान में कई बार सीपीईसी को लेकर विरोध हो चुके हैं। यहाँ के लोगों का मानना है कि इस योजना से पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त के लोगों को फायदा मिलेगा एवं सरकार इसके लिए बलूचिस्तान के इलाके से प्राकृतिक संसाधनों को ख़त्म कर रही है।
प्रांत के संसदीय मंत्रियों के साथ बैठक में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि इस करोड़ों के सौदे में बलूचिस्तान के नागरिकों की शंकाओं को समाप्त किया जाएगा। उन्होंने कहा केंद्र बलूचिस्तान के साथ साझेदार की तरह कार्य करेगा। उन्होंने कहा वह ऐसा कोई वायदा नही करेंगे जिन पर उन्हें बाद में पछताना पड़े।
इमरान खान ने कहा पाकिस्तान को पूर्व सरकार ने कर्ज में डूबो दिया है। उम्मीद है हमारी सरकार जल्द ही इन दिक्कतों का समाधान निकाल लेगी।
उन्होंने कहा देश के विकास के लिये पाकिस्तान को दक्षिणी पश्चिमी भाग से जोड़ना महत्वपूर्ण है। बलूचिस्तान कृषि क्रांति का गवाह है।
इमरान खान ने कहा कि खैबर पख्तूनवा में पाकिस्तान तहरीके इंसाफ दो तिहाई बहुमत से जीती है। खैबर पख्तूनख्वा के सुदूर इलाकों में बड़े स्तर पर विकास की जरूरत है ताकि स्थानीय नागरिकों के रहन- सहन में परिवर्तन आ सके।
पीटीआई के प्रमुख ने बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री को भी नागरिको को सरकार कार्यप्रणाली से अवगत कराने के लिए कहा है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हाल ही में पाकिस्तान की सत्ता संभाली जिसके बाद उन्होंने ऐलान किया कि चीन के साथ हुए सौदे की दोबारा समीक्षा की जाएगी। उनकी सरकार के मंत्री ने परियोजना में से 2 बिलियन डॉलर की कटौती कर दी थी।
आपको बता दें कि बलूचिस्तान के साथ-साथ पीओके में रह रहे लोगों नें भी इस योजना का कई बार विरोध किया है।
चीन की इस परियोजना से मलेशिया और म्यांमार ने भी हाथ पीछे खींचने का ऐलान किया है। मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह भी अपने प्रचार के दौरान चीनी परियोजना की समीक्षा करने की बात कह चुके हैं।