पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि चीन-पाक आर्थिक गलियारा परियोजना दोनों राष्ट्रों के मध्य आर्थिक ही नहीं क्षेत्रीय सहभागिता का भी एहसास कराएगी। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री प्रतिनिधि समूह के साथ अगले माह द्विपक्षीय वार्ता के लिए चीन के दौरे पर जायेंगे।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह मेहमूद कुरैशी ने कहा कि पीएम इमरान खान अगले माह चीन दौरे पर जायेंगे। इस बैठक में पाकिस्तानी प्रतिनिधियों केा समूह भी चीन जायेगा। इस वार्ता के दौरान सीपीईसी के मुद्दे पर चीनी राष्ट्रपति से बातचीत होगी।
पाकिस्तानी पीएम ने कहा चीन के साथ रणनीतिक साझीदारी पाकिस्तान की विदेश नीति के लिए मील का पत्थर साबित होगी। चीन और पाकिस्तान ने साल 2015 में 50 बिलियन डॉलर वाली विवादित सीपीईसी परियोजना का ऐलान किया था। यह रेलवे, सड़क और ऊर्जा क्षेत्र की कनेक्टिविटी का जाल होगा जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुज़रेगा जिसका भारत विरोध करता रहा है।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने सीपीएसई के तारीफों के कसीदे पढ़ते हुए कहा कि यह परियोजना पाकिस्तान के लिए एक सुनहरा अवसर है कि हम चीन के अनुभवों से सीखे और उस पर अमल करें। चीन ने सामाजिक, कृषि और अन्य क्षेत्रों में काफी उन्नति की है। उन्होंने कहा कि कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी होती है। हमे चीनी तकनीक और अनुभव का फायदा इस हड्डी को मजबूत करने में होगा। उन्होंने कहा इस परियोजना से युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर पैदा होंगे
इमरान खान ने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अन्य राष्ट्रों को महत्वकांक्षी परियोजना सीपीईसी में निवेश करके इसका लाभ उठाने का अवसर दिया है। उन्होंने कहा देश के में विशेष आर्थिक क्षेत्र बनाये जायेंगे जो उद्योगीकरण को बढ़ावा देने में मददगार साबित होंगे।
इमरान खान ने इस परियोजना के अपारदर्शी और भ्रष्टाचार में लिप्त होने पर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ की आलोचना की थी। हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बलूचिस्तान के दौरे पर थे जो इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं। पीएम ने आश्वासन दिया कि बलूचिस्तान नागरिकों के हितों की रक्षा की जाएगी।
पिछले माह पाकिस्तान दौरे पर गए चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तानी सरकार सीपीईसी परियोजना में साझेदारी वादा निभाने के लिए प्रतिबद्ध है।